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अमनमणि पर आज फैसला, खतरे में विधायकी, मां-पिता-मामा पहले से जेल में बंद

लखनऊ में सात साल पहले ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय के अपहरण मामले पर गुरुवार को फैसला आएगा. इस केस में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे महराजगंज नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों के खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिस पर एमपी-एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में अगर अमनमणि को सजा होती है तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है. वहीं, अमनमणि के पिता अमरमणि और मां मधु मणि कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्या कांड में पहले से जेल में सजा काट रहे हैं. 

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अमनमणि त्रिपाठी
अमनमणि त्रिपाठी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • निर्दलीय MLA अमनमणि की विधायकी खतरे में
  • अमनमणि के पिता-मां मधुमिता कांड में जेल में हैं
  • पूर्वांचल में अमरमणि की सियासी तूती बोलती थी

लखनऊ में सात साल पहले ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय के अपहरण मामले पर गुरुवार को फैसला आएगा. इस केस में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे महराजगंज नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों के खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिस पर एमपी-एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में अगर अमनमणि को सजा होती है तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है. वहीं, अमनमणि के पिता अमरमणि और मां मधु मणि कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्या कांड में पहले से जेल में सजा काट रहे हैं. 

बता दें कि गोरखपुर के रहने वाले ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय का राजधानी लखनऊ में अपहरण कर लिया गया था. छह अगस्त 2014 को इसकी एफआईआर ऋषि कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी, जिसमें अमन मणि त्रिपाठी, दो साथी संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण, फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. 

2017 में आरोप तय हो गए थे

अदालत ने 28 जुलाई 2017 को अमनमणि, संदीप त्रिपाठी व अभियुक्त रवि शुक्ला पर ऋषि कुमार पांडेय की हत्या के लिए अपहरण करने व रंगदारी मांगने के साथ ही जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय किया था. अब इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमन मणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी, रवि शुक्ला के खिलाफ सुनवाई पूरी कर फैसले के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है. गुरुवार को फैसले के बाद पता चलेगा कि इस मामले में कौन कौन दोषी है. 

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कोर्ट अगर अपहरण और मारपीट के मामले में अमनमणि को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाता है तो वो अपनी विधायकी से हाथ धो बैठेंगे. इतना ही नहीं, उनके अगले चुनाव लड़ने पर संकट आ जाएगा. बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के मुताबिक आपराधिक मामले में (दो साल या उससे ज्यादा सजा के प्रावधान वाली धाराओं के तहत) दोषी करार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को अयोग्य ठहराया जा सकता है. हालांकि, ऊपरी न्यायालय से राहत मिलने के बाद वो चुनाव लड़ सकते हैं. 

पत्नी की हत्या का भी आरोप है

अमनमणि पर अपनी पत्नी सारा की हत्या का भी आरोप है. सारा की मौत की जांच सीबीआई ने की थी. सीबीआई कोर्ट में इस मामले में गवाही चल रही है. ऐसे में अमनमणि का विवादों से पुराना नाता है. इतना ही नहीं उनके पिता और मां भी जेल में सजा काट रहे हैं और उनके मामा को हाल ही में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. 

अमनमणि के माता-पिता सजा काट रहे

नौतनवां के विधायक अमन मणि त्रिपाठी के पिता पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी पूर्वांचल के कद्दावर नेता रहे हैं. कांग्रेस से लेकर बसपा और सपा में रहे हैं. मुलायम सरकार में राज्यमंत्री भी रहे. पूर्वांचल के गोरखपुर से लेकर नेपाल की तराई तक अमर मणि त्रिपाठी की सियासी तूती बोला करती थी. वो एक दौर में गोरखपुर के दिग्गज नेता हरिशंकर तिवारी के खास हुआ करते थे, लेकिन बाद में उनके छत्तीस के आंकड़े हो गए. 

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अमर मणि त्रिपाठी पर लखनऊ की कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 में हुई हत्या का आरोप है. इस हत्याकांड में अमर मणि के साथ उनकी पत्नी मधु मणि भी जेल में सजा काट रहे हैं. मधुमिता हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी, मधु मणि त्रिपाठी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जिसके बाद से दोनों जेल में हैं. 

अमनमणि के मामा भी जेल में बंद

हाल में ही 24 सितंबर को अमनमणि के मामा अश्वनी उपाध्याय को एसटीएफ ने गिरफ्तार जेल भेजा है. अश्वनी उपाध्याय पर को-ऑपरेटिव कंपनी टपरी सहारनपुर व स्टैलर कंपनी प्राइवेट लि. में लाइजनिंग अधिकारी रहते हुए करोड़ों रुपये की एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप है. यूपी पुलिस ने उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. ऐसे में अगर अमनमणि को सजा होती है तो फिर पूरे परिवार को ही जेल में रहना पड़ेगा. 

 

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