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फिर आई प्रियंका की चिट्ठी, आगरा में नहीं मिल रही बसों को एंट्री, नोएडा कैसे लाएंगे?

सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं.

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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

  • बसों को लेकर योगी सरकार-प्रियंका में खींचतान जारी
  • यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही हैः कांग्रेस

लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को एक बार फिर पत्र लिखा है. गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए.

इधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बसें उपलब्ध कराई हैं.

इससे पहले प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी.

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वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं. फिर यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के साहिबाबाद में और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए. सभी बसों को दोनों जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे.

मजदूरों पर प्रियंका की बस पॉलिटिक्स, यूपी में बदल सकता है विपक्ष का सीन

बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. पहले योगी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से 1000 बसों और चालकों के विवरण की मांग की थी.

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