पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में तमिलनाडु सरकार ने आजीवन कारावास की सजा पाए 7 दोषियों की रिहाई के लिए मद्रास हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है. सरकार ने कोर्ट को बताया कि तमिलनाडु सरकार के जरिए राज्यपाल कार्यालय को भेजी गई सिफारिश की स्थिति चार हफ्ते में पता चल जाएगी. यह आश्वासन एस नीलिनी के जरिए दी गई दलील पर आया है.
इस मामले के दोषियों में से एक चाहता था कि तमिलनाडु का राज्यपाल कार्यालय सभी दोषियों को रिहा करने के लिए तत्काल कदम उठाए और निर्देश दे. दरअसल, सितंबर 2018 में तमिलनाडु कैबिनेट ने दोषियों की रिहाई के लिए सिफारिश की. हालांकि यह मामला राज्यपाल के पास लंबित है, जिन्होंने इस मामले में फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है.
कैसे हुई राजीव गांधी की हत्या?
21 मई 1991 को चुनावी प्रचार के लिए राजीव गांधी फ्लाइट से चेन्नई एयरपोर्ट पर शाम आठ बजकर 20 मिनट पर पहुंचे. यहां से वह बुलेट प्रूफ कार से कांग्रेस प्रत्याशी के साथ जनसभाओं के लिए तय स्थलों को रवाना हुए. तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी के सम्मान में एक म्यूजिकल प्रोग्राम था.
राजीव गांधी के इस कार्यक्रम की जानकारी 17 मई को ही स्थानीय प्रशासन को हुई थी, जिससे सुरक्षा तैयारियां आनन-फानन में हुईं. मौके पर 300 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी. उस वक्त आईजी आरके राघवन पूरे आयोजन के सिक्योरिटी इंचार्ज थे. राजीव गांधी को माल्यार्पण के लिए 23 लोगों को पुलिस क्लीयरेंस मिला था. मगर कांग्रेस कार्यकर्ता लता और उसकी बेटी कोकिला का नाम बाद में आयोजनकर्ता की सिफारिश के बाद क्लीयर किया गया.
इस बीच देखा गया कि ग्रीन और ऑरेंज सलवार-कमीज पहने हुए और आंखों पर चश्मा लगाए एक संदिग्ध महिला लता के साथ मौजूद है. महिला के साथ हरिबाबू नामक फोटोग्राफर और तीन अन्य साथी भी मौजूद थे, जिसमें दो महिलाएं फैशनेबल साड़ी में और एक व्यक्ति कुर्ता पायजामा में था. ये सभी लता के जरिए राजीव गांधी से मिलने के लिए पुलिस क्लीयरेंस का जुगाड़ पाने की फिराक में थे.
लता की जान-पहचान
कांग्रेस से जुड़ाव के कारण लता की स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों से जान-पहचान थी. जब कोकिला और लता राजीव गांधी को माल्यार्पण करने की तैयारी में थीं तब वह महिला भी उनके साथ आ गई. इस बीच हरिबाबू ने पहली तस्वीर क्लिक की. बुलेटप्रूफ कार से राजीव गांधी के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही म्यूजिकल प्रोग्राम बंद हो गया.आयोजनकर्ता ने इस दौरान कहा कि जो लोग राजीव गांधी को माला पहनाना चाहते हैं तो वो पोजीशन ले लें.
इस बात से वहां मौजूद लोगों में कंफ्यूजन पैदा हो गया और जिन्हें क्लीयरेंस नहीं मिली थी, वो भी माला पहनाने के लिए दौड़ पड़े. माला पहनाने वालों में आंखों पर चश्मा लगाई वह महिला भी शामिल हो गई, जिसे क्लीयरेंस नहीं मिला था. यह देख मौके पर मौजूद अनुसूइया नामक महिला कांस्टेबल ने उसे हटाने की कोशिश की मगर राजीव गांधी ने महिला कांस्टेबल को इशारा कर रिलैक्स रहने को कहा.
पैर छूने के बाद धमाका
राजीव गांधी को अभी बुलेटप्रूफ कार से उतरे हुए 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि महिला ने राजीव गांधी को पहले माला पहनाया और फिर उनके पैर छूने के लिए जैसे ही वह झुकी, तभी तेज आवाज में बम धमाका हो गया.
यह वक्त था रात 10 बजकर 20 मिनट का. इस आत्मघाती बम हमले में कुल 18 लोगों की मौत हो गई. इसमें राजीव गांधी के निजी सुरक्षा अधिकारी, एसपी सहित, पत्रकार और कई अन्य लोग शामिल थे. राजीव गांधी के शव को पोस्टमार्टम के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया जहां सोनिया गाधी अपने दोनों बच्चों के साथ पहुची थीं.