भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आज पहली पुण्यतिथि है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं ने सुषमा स्वराज को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने लिखा कि सुषमा स्वराज दुनिया के मंच पर भारत की मजबूत आवाज़ थीं. सिर्फ पीएम ही नहीं कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी सुषमा स्वराज को याद किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि सुषमा जी की पहली पुण्यतिथि पर उनको नमन. उनके निधन से हर किसी को दुख पहुंचा था. उन्होंने देश की सेवा की और दुनिया में भारत के लिए मजबूत आवाज़ बनीं. पीएम मोदी ने इसी के साथ सुषमा स्वराज की प्रार्थना सभा में दी गई स्पीच भी साझा की.
Remembering Sushma Ji on her first Punya Tithi. Her untimely and unfortunate demise left many saddened. She served India selflessly and was an articulate voice for India at the world stage.
Here is what I had spoken at a prayer meet in her memory. https://t.co/nHIXCw469P
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2020
सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने भी ट्वीट पर एक पुरानी तस्वीर साझा की. साथ ही उन्होंने लिखा कि मां तुम हमेशा मेरे साथ मेरी शक्ति के रूप में हो, हे कृष्ण मेरी माँ का ख्याल रखना!
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु मात्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
माँ तुम हमेशा मेरे साथ मेरी शक्ती के रूप में हो। हे कृष्ण मेरी माँ का ख्याल रखना!
Ma, you are always with me as my strength. Krishna look after my mother! pic.twitter.com/dFyzNwVr6x
— Bansuri Swaraj (@BansuriSwaraj) August 5, 2020
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर लिखा कि मुझे आज भी विश्वास नहीं हो रहा है कि सुषमा जी को गए हुए एक साल हो गया है. वो मेरी बहन थीं, जो हर रक्षा बंधन को मुझे राखी बांधने आती थीं. बता दें कि रक्षा बंधन के मौके पर भी उपराष्ट्रपति ने सुषमा स्वराज की याद में ट्वीट किया था.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, रविशंकर प्रसाद, बाबुल सुप्रियो ने भी इस मौके पर सुषमा स्वराज को याद किया. इसके अलावा कई देशों के राजदूत, प्रतिनिधियों की ओर से सुषमा को श्रद्धांजलि दी गई.
गौरतलब है कि पिछले साल जब संसद में अनुच्छेद 370 को हटाया गया और भारतीय जनता पार्टी जश्न ही मना रही थी. तभी शाम को सुषमा स्वराज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, 67 साल की उम्र में 6 अगस्त 2019 को सुषमा स्वराज ने अंतिम सांस ली. खराब तबीयत के कारण ही सुषमा स्वराज ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, यही कारण रहा कि वो सरकार का हिस्सा भी नहीं बनी थीं.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के काम को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सराहा गया. वो एक ट्वीट पर भी बाहर फंसे किसी भारतीय की मदद का आदेश देती थीं, जिसने लोगों के बीच उनको प्रसिद्ध कर दिया.
सुषमा स्वराज को भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में गिना जाता रहा है जो अपनी भाषण शैली से विपक्षियों को मात देती थीं. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनका नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की रेस में भी था.