स्टर्लिंग बायोटेक केस में अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल को ईडी ने पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश दिया है. इससे पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की टीम ने फैसल पटेल से पूछताछ की थी. केंद्रीय जांच एजेंसियां लोन घोटाला करने वाली गुजराती की फॉर्मा सेक्टर की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के संचालकों से अहमद पटेल के बेटे और दामाद के संबंधों की जांच कर रही है.
क्या है स्टर्लिंग बायोटेक मामला
गुजरात में फॉर्मा क्षेत्र की इस कंपनी का संचालन वड़ोदरा का संदेसरा घराना करता है. आरोप है कि फॉर्मा कंपनी के प्रमोटर संदेसरा बंधुओं नितिन और चेतन तथा दीप्ति संदेसरा ने 14,500 करोड़ रुपये का बैंक लोन फ्रॉड किया. फिर पकड़े जाने की डर से देश छोड़कर भाग गए. सरकार उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी है. गुजरात के संदेसरा बंधु अपनी शानोशौकत के लिए भी जाने जाते थे. घर पर बॉलीवुड हस्तियों के साथ उनकी पार्टी सुर्खियों में रहती थी. दरअसल, कारोबार बढ़ाने की बात कहकर संदेसरा बंधुओं ने स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर 5383 करोड़ का लोन लिया था.
यह लोन आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने दिया था. मगर उन्होंने जानबूझकर इसे नहीं चुकाया. बैंकों की शिकायत पर आखिरकार सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में फार्मा कंपनी के प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था.
सीबीआई ने तब दर्ज एफआईआर में कहा था, "एक भरोसेमंद स्रोत से सूचना मिली है कि स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, इसके निदेशक और अन्य लोगों ने मिलकर गलत नीयत के साथ आंध्रा बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैकों को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची.’ वहीं ईडी ने जांच में पाया कि स्टर्लिंग बायोटेक ने बैंकों से कर्ज लेने के लिए अपनी प्रमुख कंपनियों की बैलेंस शीट में आंकड़ों की हेराफेरी की. कर्ज लेने के बाद उन्होंने पैसे को विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए उन कार्यों लगा दिया, जिसके लिए लोन लिया ही नहीं गया था.
ईडी अब तक तीन बार अहमद पटेल के बेटे से पूछताछ कर चुकी है. बताया जा रहा है कि स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़ीं लोन आदि धोखाधड़ियों की कीमत 14 हजार 500 करोड़ रुपये है.