पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सोमवार से ज्यादातर धार्मिक स्थलों को दर्शन के लिए खोल दिया गया है. लेकिन हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों के किवाड़ अभी भी नहीं खुले हैं. इसके अलावा उत्तर भारत के अन्य कई प्रसिद्ध शक्तिपीठ भी नहीं खुले हैं. इनमें पंचकूला का माता मनसा देवी मंदिर, ज्वाला जी मंदिर ( कांगड़ा), चिंतपूर्णी मंदिर (ऊना), नैना देवी मंदिर (बिलासपुर) और कांगड़ा माता मंदिर (कांगड़ा) खास हैं.
सोमवार को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के जो धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए खुले, उनमें पहले की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम नजर आई. इसकी एक वजह यह हो सकती है कि लगभग दो महीने के बाद आज पहली बार मंदिर खोले गए थे, इसलिए कई लोगों को अभी तक मंदिर खोले जाने की जानकारी नहीं मिली है. दूसरी कई लोग अभी भी कोरोना वायरस के संक्रमण से डरे हैं और इसलिए अपने घरों में कैद हैं.
उधर, हिमाचल सरकार ने कई व्यावहारिक कारणों से फिलहाल धार्मिक स्थलों और शक्तिपीठों को खोलने का फैसला नहीं किया है. राज्य के धार्मिक स्थलों तक जाने वाले रास्ते एक तो बेहद तंग है और दूसरे वहां मैदानी इलाकों की तरह सोशल डिस्टेंसिंग को कायम रखना उतना आसान नहीं है. ज्यादातर मंदिरों में आने जाने का एक ही रास्ता है इसलिए प्रशासन श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के तरीकों पर विचार कर रहा है. अभी इन मंदिरों को खुलने में एक हफ्ते का समय लग सकता है.
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पंचकूला का प्रसिद्ध मनसा देवी माता मंदिर भी सोमवार को नहीं खुला. प्रशासन ने इसे मंगलवार से खोलने का फैसला किया है. इन मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सिर्फ 30 सेकेंड का समय मिलेगा. सबको सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना होगा.
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सोमवार को चंडीगढ़ और पंजाब में जितने भी धार्मिक स्थल खुले, उनमें गिनती के श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे. मंदिर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर श्रद्धालुओं को सैनिटाइज किया और उनकी स्क्रीनिंग की. उधर पंजाब के कई प्रमुख गुरुद्वारे लॉक डाउन के दौरान भी खुले रहे. इनमें स्वर्ण मंदिर परिसर भी एक है, लेकिन ज्यादातर गुरुद्वारे सोमवार को खुले और उनमें खूब भजन कीर्तन हुआ.