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आज होगी सानिया मिर्जा की सगाई

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की आज सगाई है. हैदराबाद के पांच सितारा होटल में आज सानिया की सगाई सोहराब मिर्जा के साथ होगी.

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लाखों लोगों के दिलों की धड़कन टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की आज सगाई है. हैदराबाद के पांच सितारा होटल में आज सानिया की सगाई सोहराब मिर्जा के साथ होगी. रैकेट थामने वाले हाथों में मेंहदी रचने वाली है. छोटी सी उम्र में सानिया ने कई मुकाम हासिल किए, लेकिन आज की शाम उनकी ज़िंदगी में बेहद खास होने वाली है.

यूं तो पारिवारिक दोस्त होने के नाते, सानिया सोहराब को बचपन से जानती हैं. लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर उन्होंने सोहराब मिर्ज़ा के साथ ज़िंदगी गुज़ारने का फ़ैसला कर ही लिया. सोहराब का परिवार हैदराबाद और सिकंदराबाद में एक बेकरी चेन के मालिक हैं और 23 साल के सोहराब मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों परिवारों की पूरी-पूरी कोशिश है कि सारी बातों को गुप्‍त रखा जाए. लेकिन कुछ बातें तो निकल ही आईं.

समारोह में सिर्फ़ कुछ खास दोस्त
अपनी ज़िंदगी के इस अहम दिन पर सानिया टॉप डिज़ाइनर जोड़ी निखिल और शान्तनु मेहरा के लिबास में नज़र आएंगी. सानिया की मां और बहन के लिए भी उन्होंने खास ड्रेस डिज़ाइन की है. हैदराबाद के पांच सितारा ताज होटल में होने वाले समारोह में सिर्फ़ कुछ खास दोस्त और परिवार वालों के शरीक होने की खबर है. लेकिन इनकी संख्या होगी तकरीबन 600. दोस्तों की लिस्ट में महेश भूपति भी शामिल हैं जो हैदराबाद पहुंच चुके हैं. सगाई भले ही अभी हो रही हो, लेकिन शादी की चर्चा दूर-दूर तक नहीं है. क्योंकि सोहराब अभी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, और सानिया टेनिस. सगाई के फ़ौरन बाद सानिया टेनिस खेलने दो महीने के लिए अमेरिका रवाना हो जाएंगी.

सानिया का टेनिस करियर
सानिया ने अपने टेनिस करियर में कई उपलब्धियां हासिल की, कई खिताब भी जीते पर विवादों में भी खूब रही. उनके लिए इस उंचाई तक पहुंचना बिल्कुल आसान नहीं रहा और अब जिंदगी की वो दूसरी पारी शुरू करने जा रही हैं. सानिया मिर्जा, भारतीय खेलों में अबतक की सबसे मशहूर महिला. जिसने उन्हें कोर्ट पर देखा उनके खेल का दीवाना हो गया, जिन्हें टेनिस की समझ नहीं वो हैदराबाद की इस टेनिस परी की शख्सियत के मुरीद हो गए. इसे महिला टेनिस की त्रासदी कहिए या उपलब्धि, लेकिन खेल के साथ-साथ लुक्स की चर्चा भी लाज़मी है. हाल ही में एक चीनी न्यूज़ एजेंसी ने दुनिया की सबसे खूबसूरत टेनिस खिलाड़ियों का सर्वे किया तो इस ऑल टाइम लिस्ट में सानिया दसवें नंबर पर थीं.

मुश्किलों भरा रहा शोहरत का सफर
शोहरत नई चुनौतियां लेकर आई, सानिया नई बुलंदियां छूने लगी, तारीफ के लिये लफ्ज कम पड़ने लगे. खेल, खूबसूरती, तेवर, और हाथ में रैकेट थामे एक अलग अंदाज, कोर्ट पर सानिया की मौजूदगी दिलो-दिमाग पर सीधा असर करती रही. एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से टेनिस के आसमान पर चमकने का सफ़र अपने हिस्से की मुश्किलें भी लेकर आया. न जाने कितने मौके आए जब उनके लिबास पर फ़तवे की नौबत आई और उन्हें धर्म के मुताबिक पहनावे का पाठ पढ़ाया गया. लेकिन सानिया हर मोर्चे पर मुकाबला करती रहीं. विवादों से तंग आकर एक वक्त तो सानिया ने भारत में न खेलने की धमकी तक दे डाली थी. चोट ने भी कई बार मंज़िल का रास्ता रोका. लेकिन ये खिलाड़ी हर बार उठ खड़ी हुई.

बचपन में ही दिखने लगी थी प्रतिभा
महज छह साल की उम्र में ही सानिया के नन्हे हाथ टेनिस रैकेट पर मजबूत पकड़ बनाने लगे थे. पहले गुरु, पिता इमरान ही थे. प्रतिभा निखरने लगी, 2002 एशियाई खेलों में इसे पहचान भी मिल गई. सानिया ने लिएंडर पेस के साथ मिक्स्ड डबल्स गोल्ड मेडल के साथ शुरू किया स्टारड्म का सफर. 2007 तक सानिया सिंगल्स में टॉप 30 और डबल्स में टॉप 20 में शामिल होने का कीर्तिमान रच चुकी थीं. एकल मुकाबलों में हैदराबाद ओपन और 12 आईटीएफ खिताब, डबल्स में 8 डब्लूटीए, 4 आईटीएफ़ और मिक्स्ड डबल्स में महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब इस सफर के पड़ाव भर हैं. सानिया की काबिलियत बताती है मंज़िल कोई ऐतिहासिक लम्हा होगी. ईंट का जवाब पत्थर से देने की सोच, लेकिन छोटी उम्र में महात्मा गांधी के जीवन-दर्शन का प्रभाव. सानिया इंसानियत के तकाजों को अपनी प्राथमिकताओं में उपर रखती हैं. तेजी से ऊपर जा रहा तरक्की का ग्राफ इसी साफ, सुथरी और सुलझी सोच की पहचान है.

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