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रिजवानुर मामला: कुछ नए नामों का खुलासा

रिजवानुर के सुसाइड नोट ने कुछ नए नामों का खुलासा किया है. हालांकि,सुसाइड नोट को कम्‍प्‍यूटर से उसके ही भाईयों ने हटा दिया. इस मामले में उसके परिवार के सदस्‍य कुछ नहीं बोल रहे हैं.

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रिजवानुर रहमान
रिजवानुर रहमान

रिजवानुर रहमान के सुसाइड नोट ने एक बार फिर कई लोगों को मुसीबत डाल दिया है. रिजवानुर का सुसाइड नोट उसके कमप्‍यूटर से उसके ही भाईयों ने हटा दिया. हालांकि, इस मामले में उसके परिवार के सदस्‍य कुछ नहीं बोल रहे हैं.

रिजवान के सुसाइड नोट में लिखा था...मेरे आत्‍महत्‍या के लिए नैतिक रूप से अनिल सरावगी, सुखांती चक्रवर्ती, ज्ञानवंत सिंह, अजय कुमार, विधायक जावेद खान और सईदुर रहमान जिम्‍मेदार हैं.

उसने यह भी लिखा था... मैं यह दुनिया हमेशा के लिए छोड़ कर जा रहा हूं. हमलोग सिर्फ कहे जाने वाले धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं. मैंने पिछले 20 दिनों में प्रशासन का असली चेहरा देखा है. आम लोगों की रक्षा के लिए कोई कानून नहीं है. मुझे पता है कि मुझे अदालत में लड़ना चाहिए और शायद, मैं जीत जाता लेकिन, उसके बाद ? मेरे ससुराल वालों ने यह निश्चित कर लिया है कि वह हमारी हमेश के लिए जिंदगी बरबाद कर देंगे. इस कारण, मैं निश्‍चय किया है कि मैं अपनी जान दे दूं. मैं अपने ससुर अशोक तोदी को इसके लिए माफ कर देता हूं क्‍योंकि आखिरकार वह मेरे पिता हैं.

बालीगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक जावेद खान और चाचा सईदुर रहमान का नाम रिजवानुर हत्‍या मामले में पहली बार सामने आया है. सूत्रों ने बताया कि उद्योगपति अशोक तोदी की बेटी प्रियंका से शादी करने के बाद जावेद खान रिजवान के तिलजाला लेन वाले घर में आए थे. उन्‍होंने रिजवान से कहा था कि वह प्रियंका से रिश्‍ता खत्‍म कर ले. जब इस बारे में जावेद खान से बात की गई तो उन्‍होंने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा. सईदुर रहमान इस पर टिप्‍पणी देने के लिए मौजूद नही थे.

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि यह सुसाइन नोट 18 सितंबर 2007 को लिखा गया था. जिसे कमप्‍यूटर में 8 बजकर 30 मिनट में सुरक्षित किया गया. हालांकि, सुसाइड नोट को कमप्‍यूटर से हटा दिया गया था. जिसे सीबाआई ने बाद में निकाल लिया. सुसाइड नोट को अब चार्जशीट के साथ लगा दिया गया है.

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