केंद्र और राज्य सरकारें बुधवार को संसद के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार अपनी वेबसाइटों की हैकिंग को रोकने के मामले में अच्छा काम कर रही हैं. 2016 से हर साल होने वाली हैकिंग की घटनाओं की संख्या में लगातार गिरावट आई है.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) की ओर से ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक 48 वेबसाइटों को हैक किया गया था अक्टूबर. जबकि 2018 में 110, 2017 में 172 और 2016 में 199 हैक करने की घटनाएं हुई थीं. इन मामलों में केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों की वेबसाइटें भी शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संकेत दिया, साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सभी सरकारी वेबसाइटों और एप्लिकेशंस को होस्ट किए जाने से पहले साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऑडिट किया जाता है. वेबसाइट होस्ट किए जाने के बाद भी वेबसाइट्स और एप्लिकेशंस की ऑडिटिंग नियमित आधार पर की जाती है.
अब तक 44 मॉक ड्रिल
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि सुरक्षा से जुड़े मामलों की ऑडिटिंग के लिए 90 सिक्योरिटी ऑडिटिंग संगठनों को शामिल किया गया है. सरकार ने साइबर हमलों पर नियंत्रण के लिए क्राइसिस मैनेजमेंटन प्लान तैयार कर रखा है.
रविशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों की जागरुकता के लिए नियमित तौर पर साइबर सिक्योरिटी मॉक ड्रिल कराए जाते हैं. CERT-In की ओर से अब तक 44 मॉक ड्रिल कराए जा चुके हैं. इस मॉक ड्रिल में वित्त, रक्षा, बिजली, दूरसंचार, परिवहन, ऊर्जा, अंतरिक्ष, आईटी/आईटीईएस जैसे राज्यों और सेक्टर्स के संगठनों के 265 संगठन शामिल रहे हैं.