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अगर भीड़ के चलते ट्रेन छूटी तो रेलवे देगा मुआवजा, लौटाएगा किराया

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रेलवे से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है. ऐसे मामले में भी यात्री रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकते हैं. इसके अलावा यात्री के पास कंज्यूमर फोरम जाने का भी अधिकार है.

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सांकेतिक तस्वीर (Courtesy- PTI)
सांकेतिक तस्वीर (Courtesy- PTI)

  • यात्री की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना रेलवे की जिम्मेदारी
  • कंज्यूमर फोरम और रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल में करें केस

अगर आपने रेलवे का कंफर्म टिकट लिया है और स्टेशन में भीड़भाड़ की वजह से ट्रेन में नहीं चढ़ पाए हैं, जिसके चलते आपकी ट्रेन छूट गई है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में आपका किराया नहीं मारा जाएगा और रेलवे को आपका पूरा किराया वापस करना होगा. इसके अलावा अगर भीड़भाड़ में ट्रेन में चढ़ने के दौरान आपको किसी भी तरह का नुकसान हुआ है, तो रेलवे को मुआवजा भी देना होगा.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा का कहना है कि जिस यात्री के पास यात्रा का कंफर्म टिकट है, उसको उसके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होती है. रेलवे की यह भी जिम्मेदारी होती है कि वह यात्री को उसकी रिजर्व सीट तक पहुंचाए. अगर भीड़भाड़ या किसी अव्यवस्था के चलते यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पाता है और अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाता है, तो इसके लिए रेलवे की जवाबदेही बनती है.

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कहां-कहां कर सकते हैं केस?

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रेलवे से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है. ऐसे मामले में भी यात्री रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकते हैं. इसके अलावा यात्री के पास कंज्यूमर फोरम जाने का भी अधिकार है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पीड़ित यात्री कंज्यूमर फोरम में केस दायर कर सकते हैं.

अगर रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल या कंज्यूमर फोरम मामले में यात्री के दावे को सही पाता है, तो रेलवे के खिलाफ फैसला सुना सकता है. रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल और कंज्यूमर फोरम को यात्री को रेलवे से टिकट के पैसे वापस देने के साथ-साथ अच्छा खासा मुआवजा भी दिला सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा का यह भी कहना है कि अगर यात्री रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल के फैसले से संतुष्ट नहीं है, तो मामले की अपील हाईकोर्ट में कर सकता है. इसी तरह कंज्यूमर फोरम के फैसले से असंतुष्ट होने पर स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन में अपील की जा सकती है.

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