भारत और चीन के बीच जो विवाद जारी है उस मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं. जवाब में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार राहुल गांधी पर आरोप लगाए जा रहे हैं. ताजा आरोप है कि डिफेंस कमेटी का सदस्य होने के बावजूद राहुल ने अहम बैठकों में हिस्सा नहीं लिया. अब सामने आया है कि सुरक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी 2019 में भारत-चीन बॉर्डर पर गई थी, लेकिन राहुल गांधी उसमें भी शामिल नहीं हुए थे.
दरअसल, सोमवार सुबह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने डिफेंस मामलों की स्टैंडिंग कमेटी की एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है. सितंबर 2019 के बाद से करीब ऐसी एक दर्जन बैठक हुई हैं, जिसमें राहुल नदारद थे.

इस बीच संसद के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर से 9 नवंबर 2019 के बीच डिफेंस मामले की स्टैंडिंग कमेटी बॉर्डर इलाकों के दौरे पर गई थी. इनमें भारत-चीन बॉर्डर का गंगटोक, नाथू-ला पास, गुवाहाटी, तवांग, शिलॉन्ग से जुड़े इलाके थे.
इस दौरे में बॉर्डर के हालात, सेना की तैयारियों, सेना को मिल रही सुविधाओं समेत अन्य मसलों पर स्टडी करनी थी और संसद में रिपोर्ट देनी थी. इस टूर में कई सांसद शामिल हुए, लेकिन राहुल गांधी नदारद रहे. यहां पर ही ईस्टर्न कमांड का मुख्यालय भी है. डिफेंस मामलों की स्टैंडिंग कमेटी में कुल 31 सदस्य हैं, जिनमें 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा से हैं.
डिफेंस कमेटी की मीटिंग में नहीं जाते राहुल गांधी, बीजेपी अध्यक्ष ने साधा निशाना
और तेज हुआ बीजेपी का हमला
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के ट्वीट के बाद पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी राहुल गांधी को घेरा. बीजेपी नेता ने मांग की है कि राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि वो देश की सेना का मनोबल घटा रहे हैं. और स्टैंडिंग कमेटी की बैठकों से गायब रहे हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल गांधी जब से वायनाड से चुनकर आये हैं, अब तक रक्षा मंत्रालय के स्टैंडिंग कमेटी की 11 बैठक हुई हैं, लेकिन वे एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस और राहुल गांधी को जवाब देना होगा कि आखिर वे रक्षा मंत्रालय की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में क्यों नहीं शामिल होते हैं.