scorecardresearch
 

'नरेंद्र मोदी के फोन कॉल रिकार्ड की हो जांच'

गुजरात पुलिस के साथ कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के भाई रूबाबुद्दीन शेख ने मांग की है कि तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के फोन कॉल रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए.

Advertisement
X

गुजरात पुलिस के साथ कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के भाई रूबाबुद्दीन शेख ने मांग की है कि तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के फोन कॉल रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए.

उनके वकील मुकुल सिन्हा ने कहा, ‘रूबाबुद्दीन शेख ने सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के बीच फोन कॉल की सीबीआई जांच की मांग की है.’ यह धारा आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद आगे के जांच की अनुमति देती है. सोहराबुद्दीन नवंबर 2005 में गुजरात पुलिस द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था.

रूबाबुद्दीन ने राज्य के सीबीआई निदेशक को दिए गए आवेदन में कहा, ‘सीआईडी (गुजरात) द्वारा तुलसीराम प्रजापति मामले में पेश किए गए टेलीफोन रिकॉर्ड के साथ आरोप पत्र में खुलासा किया गया है कि कम से कम दो आरोपी अमित शाह (तत्कालीन गृह राज्य मंत्री) और आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन समूचे दिसंबर 2006 में गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क में थे.’

इसमें कहा गया है, ‘12 दिसंबर 2006 को और उसके बाद उनके संपर्क की आवृत्ति बढ़ी है.’ सोहराबुद्दीन शेख मामले के महत्वपूर्ण आरोपी शाह बाद में सोहराबुद्दीन के सहायक प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ से संबंधित मामले में भी प्रमुख षड्यंत्रकारी हैं.

Advertisement

सोहराबुद्दीन 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था. सीबीआई के अनुसार प्रजापति उसके अपहरण और हत्या का एकमात्र गवाह था. प्रजापति की एक अन्य मुठभेड़ में 28 दिसंबर 2006 को हत्या कर दी गई थी.

Advertisement
Advertisement