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भारत बना रहा मिलिट्री साइबर एजेंसी, चीन-पाक के हैकर्स नहीं कर पाएंगे सेंधमारी

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि साइबर एजेंसी स्थापित की जा रही है जिसकी अध्यक्षता भारतीय नौसेना के रियर एडमिरल रैंक के अधिकार करेंगे. पिछले वर्ष जोधपुर में सैन्य कमांडरों के एक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर एजेंसी स्थापित किए जाने की मंजूरी दी थी.

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रियर एडमिरल मोहित गुप्ता
रियर एडमिरल मोहित गुप्ता

साइबर सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार सचेत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय सैन्य साइबर एजेंसी स्थापित करने जा रहा है ताकि देश के सामने आने वाले साइबर खतरों से निपटा जा सके. इसे अगले महीने स्थापित कर दिया जाएगा.

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि साइबर एजेंसी स्थापित की जा रही है जिसकी अध्यक्षता भारतीय नौसेना के रियर एडमिरल रैंक के अधिकार करेंगे. पिछले वर्ष जोधपुर में सैन्य कमांडरों के एक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर एजेंसी स्थापित किए जाने की मंजूरी दी थी.

सरकार ने सेना और वायु सेना के तहत विशेष बल और अंतरिक्ष एजेंसियों को क्रमशः स्थापित करने के लिए मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि नौसेना के रियर एडमिरल मोहित गुप्ता साइबर एजेंसी के पहले प्रमुख होंगे. इसका मुख्यालय दिल्ली में होगा, लेकिन इसकी शाखाएं देशभर में रहेंगी.

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एजेंसी का मुख्य काम पाकिस्तानी और चीनी हैकरों के साइबर हमलों को विफल करना होगा जो अक्सर ऑनलाइन हमला करते रहते हैं. सैन्य बलों में पेन ड्राइव और मैलवेयर राइड हार्डवेयर का उपयोग करने को लेकर सैन्यकर्मियों को पहले से ही चेतावनी जारी की जा चुकी है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सेना के शीर्ष अधिकारियों में से एक इस्टर्न आर्मी कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवने ने हाल ही में कहा था कि साइबर एजेंसी की इकाइयां पूरे देश में स्थापित की जाएंगी. साइबर खतरे से निपटने के लिए सभी शाखाओं या सेल में समर्पित अधिकारी होंगे.

रक्षा सुत्रों के मुताबिक हर रोज पाकिस्तान या चीन के हैकर भारत की सैन्य सिस्टम में सेंधमारी की कोशिश करते रहते हैं ताकि भारत को परेशान किया जा सके. लिहाजा ट्राई-सर्विसेज इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ NTRO, RAW,नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और डीआरडीओ के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि सैन्य बुनियादी ढांचे को साइबर हमले से बचाने लिए मजबूत बनाया जा सके.

बढ़ी इंटरनेट असुरक्षा

गौरतलब है कि भारत में करीब 60 फीसदी संगठनों का मानना है कि साइबर सुरक्षा के लिहाज से इंटरनेट असुरक्षित होता जा रहा है और वे अनिश्चित हैं कि क्या उपाय करें. एक्सेंचर की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 'डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना : रिइंवेंटिंग द इंटरनेट फॉर ट्रस्ट' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ज्यादातर प्रतिभागियों (77 फीसदी) का मानना है कि जब तक इंटरनेट सुरक्षा में नाटकीय सुधार नहीं होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारी बाधा आएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर हमलों के कारण दुनिया भर की कंपनियों को अगले पांच सालों में 5,200 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान या अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा.

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