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उम्र कैद की सजा काट रहे प्रवीण महाजन पैरोल पर बाहर

अपने भाई प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में आजीवान कारावास की सजा काट रहे प्रवीण महाजन पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. बताया जा रहा है कि उनकी पत्‍नी की तबियत खराब होने के कारण उन्‍हें जेल से बाहर आने की छूट मिली.

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बड़े भाई और भाजपा नेता प्रमोद महाजन की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे प्रवीण महाजन को आज 14 दिन के पेरोल पर रिहा किया गया. औरंगाबाद की जेल अधीक्षक स्वाति साठे ने बताया कि डीआईजी (जेल) से पैरोल मिलने के बाद प्रवीण को नासिक रोड सेंट्रल जेल से रिहा किया गया.

समझा जाता है कि महाजन को स्वास्थ्य संबंधी कारणों से रिहा किया गया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. प्रवीण को मुंबई की एक अदालत ने उसके बड़े भाई प्रमोद महाजन की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए दिसंबर 2007 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. प्रमोद को उनके वर्ली स्थित फ्लैट में प्रवीण ने गोली मार दी थी. घायल प्रमोद को अस्पताल ले जाया गया. उनका तीन मई 2006 को निधन हो गया.

प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में आजीवान कारावास की सजा काट रहे प्रवीण महाजन ने जेल में एक किताब भी लिखी है. प्रवीण ने इस किताब को माझा अलबम यानी मेरा अलबम नाम दिया है.

जेल में लिखी इस किताब में प्रवीण महाजन ने खासकर 22 अप्रैल 2006 का जिक्र किया है, जिस दिन प्रमोद महाजन पर हमला हुआ. प्रवीण ने अपनी किताब में लिखा है कि उस दिन उनके भाई प्रमोद महाजन के घर पर असलयित में क्या हुआ ये कभी दुनिया के सामने नहीं आ पाएगा.

प्रवीण महाजन ने इस किताब में अपने स्वभाव के बारे में तो लिखा ही है, अपने दिवंगत भाई प्रमोद महाजन के आचरण पर भी सवाल उठाया है. प्रवीण ने प्रमोद महाजन को भाजपा का बड़ा नेता तो बताया ही, लेकिन साथ ही ये भी लिखा है कि प्रमोद महाजन पार्टी के लिए उद्योगपतियों से पैसा इकट्ठा करते थे.

इतना ही नहीं प्रवीण ने प्रमोद महाजन को रंगमिजाज स्वभाव का नेता भी करार दे दिया. प्रवीण ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रमोद महाजन को आडवाणी और वाजपेयी दोनों पसंद करते थे. प्रवीण महाजन की माने तो प्रमोद पर सत्ता का नशा इस कदर सवार था कि वो खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में भी देखने लगे थे.

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