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चिलचिलाती गर्मी में पैदल ही कोलकाता से ओडिशा जा रहा था मजदूर, रास्ते में हुई मौत

धुबेई गर्मी की चिलचिलाती धूप में पैदल ही जा रहा था और गश खाकर सड़क पर गिर गया था. उसे पुलिस द्वारा जलेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया.

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लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी पैदल ही घर के लिए निकलने को मजबूर हुए
लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी पैदल ही घर के लिए निकलने को मजबूर हुए

  • कोलकाता में एक निजी कंपनी में काम कर रहा था धुबेई
  • लॉकडाउन में फंस गया था धुबेई, खत्म हो गए थे सारे पैसे

कोलकाता से लौट रहे ओडिशा मूल के एक प्रवासी मजदूर की शुक्रवार को बालासोर जिले के जलेश्वर इलाके में लक्ष्मणनाथ गेट के पास बेहोश होकर गिरने के बाद मौत हो गई. मृतक की पहचान 56 वर्षीय धुबई चरण मोहंती के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक मृतक मजदूर ओडिशा में पुरी जिले के टिकरापाड़ा गांव का निवासी है.

बताया जा रहा है कि धुबेई गर्मी की चिलचिलाती धूप में पैदल ही जा रहा था और गश खाकर सड़क पर गिर गया था. उसे पुलिस द्वारा जलेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया.

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतक धुबेई कोलकाता में एक निजी कंपनी में काम कर रहा था. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद वह शहर में फंस गए थे. पिछले दिनों में उसकी अपनी सारी बचत समाप्त हो गई थी और पैसे की कमी हो रही थी. इसके बाद उसने ओडिशा वापस घर जाने का फैसला किया था.

सड़क और रेल पटरी पर ना चलें मजदूर, रहने-खाने का हो इंतजाम

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण संकट से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों का हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने घर की ओर जाना जारी है. गृह मंत्रालय ने अब इन्हीं प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लेटर लिखा है. पत्र में कहा गया कि सड़क और रेल ट्रैक पर मजदूरों की आवाजाही नहीं हो. उन्हें विशेष बस या श्रमिक ट्रेन की सुविधा दी जाए और उनके राज्य तक पहुंचाया जाए.

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गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से लिखे गए लेटर में सड़कों और रेलवे पटरियों पर चल रहे प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर जोर दिया गया है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि अगर प्रवासी मजदूर सड़क या रेल पटरी पर पैदल चलते पाए जाते हैं तो उन्हें समझाया जाए. उन्हें आस-पास के शेल्टर होम में ले जाया जाना चाहिए और खाना, पानी दिया जाना चाहिए.

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