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'तेरी रहबरी का सवाल है', सरकार पर ये शेर बना विपक्ष का अचूक हथियार?

शेरो-शायरी के जरिए किसी पर ज्यादा कुछ कहे बगैर हमला करना सबसे कारगर हथियारों में से एक है. शायद एक शेर जिसे संसद में विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर हमला करने के लिए चुन लिया है.

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सुषमा स्वराज और आनंद शर्मा (फाइल फोटो)
सुषमा स्वराज और आनंद शर्मा (फाइल फोटो)

पिछले कुछ सालों में लोकतंत्र के मंदिर संसद में शेरो-शायरी के जरिए जवाब देने का प्रचलन बढ़ गया है. साथ ही एक शेर ऐसा भी है जिसे विपक्ष के नेता काफी पसंद करते हैं और इसके जरिए सत्ता पक्ष पर तीखा हमला भी किया जा रहा है. भाजपा के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने भी इसी शेर का जिक्र करते हुए सत्ता पक्ष पर सवाल दाग दिया.

लोकसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जवाब देते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने अपने लंबे भाषण का समापन 'तेरी रहबरी का सवाल है' के साथ किया.

यह दिलचस्प है कि करीब 7 साल पहले कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्ष में बैठी थी. तब लोकसभा में एक बहस के दौरान भाजपा की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक मकबूल शेर के जरिए कड़ी टिप्पणी की थी.

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23 मार्च, 2011 को लोकसभा में स्वराज ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा था, "तू इधर-उधर की बात न कर ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी पे सवाल है." तब सांसदों को खरीदकर सरकार बचाने के खुलासे पर चर्चा हो रही थी.

तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी विपक्ष से शेर के जरिए किए गए वार का जवाब भी एक शेर से ही दिया था. उन्होंने कहा, "माना कि तेरे दीद के काबिल नहीं हूं मैं, तू मेरा शौक देख, मेरा इंतजार देख."

अब जब यही शेर कांग्रेस की ओर से पढ़ा गया है तो इंतजार इस बात किया जा रहा था कि सत्ता पक्ष खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस पर क्या जवाब दिया जाता है, लेकिन मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कोई शायरी नहीं पढ़ी.

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