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मुंबई प्लेन क्रैशः सुरभि के बाद मारिया के परिजनों ने भी लगाए आरोप, जांच की मांग

पायलट मारिया जुबेरी के परिजनों का कहना है कि हम यह जानते थे कि विमान का समय पूरा हो चुका है, यह 20 साल पुराना विमान था. यूपी सरकार ने भी इसके रिपेयरिंग पर खर्च करने की जगह बेचना बेहतर समझा.

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को पायलट मारिया के परिजन (फोटो समीर शानबाग)
को पायलट मारिया के परिजन (फोटो समीर शानबाग)

मुंबई प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाली इंजीनयर सुरभि गुप्ता के बाद पायलट मारिया जुबेरी के परिजनों ने भी हादसे पर सवाल उठाए और जांच की मांग करते हुए हादसे के जिम्मेदार लोगों को सामने लाने की गुहार लगाई.

पायलट मारिया जुबेरी के परिजनों का कहना है कि उसने हमें आश्वस्त किया था कि वह जल्द ही घर वापस आएगी. उन्हें उम्मीद थी कि खराब मौसम के कारण छोटे उड़ान नहीं भरे जाएंगे और उन्हें जल्द छुट्टी मिल जाएगी. मारिया के परिजनों के मुताबिक वह इस बात को लेकर आश्वस्त थी कि कमीशन इस विमान को उड़ान के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा और गुरुवार को उसे विमान नहीं उड़ाना पड़ेगा.

हादसे से एक दिन पहले ही मारिया ने अपने परिवार से बात की थी. उनकी बेटी ने क्विज कम्पटीशन में गोल्ड मेडल हासिल किया था, लेकिन अब उसकी खुशियां धरी की धरी रह गई. मारिया के पति का कहना है कि कंपनी ने लापरवाही दिखाई जो हादसे की वजह बनी.

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परिजनों का कहना है कि हम यह जानते थे कि विमान का समय पूरा हो चुका है, यह 20 साल पुराना विमान था. यूपी सरकार ने भी इसके रिपेयरिंग पर खर्च करने की जगह बेचना बेहतर समझा.

विमान की रिपेयरिंग करने वाली कंपनी भी तकनीकी स्तर पर खामियों को भांप नहीं सकी जिस कारण यह हादसा हो गया. मारिया के परिवारवालों की शिकायत है कि यूवाई एविएशन के मालिक भी हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई.

सुरभि ने पिता ने उठाए सवाल

इससे पहले हादसे का शिकार हुईं इंजीनयर सुरभि गुप्ता के परिजनों ने भी सवाल उठाए और पूछा कि कंपनी ने खराब स्थिति वाले चार्टर्ड को उड़ाने की इजाजत क्यों दी? उनकी मांग है कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

सुरभि के पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि हादसे से पहले फोन पर सुरभि से उनकी बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने जिक्र किया था कि उनकी टीम एक प्लेन की टेस्ट ड्राइव पर काम कर रही है जो काफी पुराना और खस्ताहाल है. सुरभि के पिता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच हो और हादसे के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.

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मारिया के घरवालों का कहना है कि डीजीसीए के नियमों के मुताबिक बारिश के सीजन में छोटे विमानों को टेस्ट उड़ान की इजाजत नहीं है. क्या एजेंसी जिम्मेदार है? या फिर वो अधिकारी जिसने फ्लाइट उड़ान की अनुमति दी. हम जानना चाहते हैं कि विमान उड़ाने का फैसला किसका था, और डीजीसीए की ओर से विमान को उड़ान भरने के लिए अनुमति किस अधिकारी के हस्ताक्षर से दी गई.

हादसे में 5 मारे गए

पायलट मारिया जुबेरी और उनके सीनियर दिल्ली के पायलट पीएस राजपूत गुरुवार को निजी कंपनी का प्लेन उड़ा रहे थे, लेकिन तकनीकी कारणों से वह मुंबई में हादसे का शिकार हो गई जिसमें 5 लोग मारे गए.

12 सीटों वाले विमान के हादसे की खबर आते ही मारिया का परिवार गम में डूब गया. परिवार का कहना है कि मारिया देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं. जल्द ही सारा परिवार मिलने वाला था, लेकिन अब ये पूरा मिलन अधूरा ही रह गया.

मारिया जुबेरी इलाहाबाद के रानी मंडी इलाके की तंग गलियों की रहने वाली थीं. बचपन से उनका सपना था कि पायलट बनकर हवा से बातें करना. शादी के बाद वह मुंबई पहुंचीं तो उम्मीदों को पंख लग गए और वहीं वो पायलट की नौकरी में कामयाबी का आसमान नापने लगीं.

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