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चाहे बदन में कितना भी हो दर्द, भूलकर भी न खाएं जांच में फेल हुईं ये 33 दवाएं

देश की कई प्रयोगशालाओं में जांच के बाद  33 दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं. ये दवाएं शरीर में तमाम तरह की बीमारियों और दर्द के इलाज में इस्तेमाल होती हैं.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

तमाम तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 33 दवाओं के नमूने जांच में फेल हुए हैं. जिसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन(CDSCO) ने इन दवाओं को बाजार से हटाने के लिए कंपनियों को निर्देश दिए हैं. औषधियों की गुणवत्ता पर नजर रखने वाले इस सरकारी संस्थान ने मई, 2019 के लिए जारी अलर्ट में सभी 33 दवाओं की सूची जारी कर लोगों को सतर्क किया है.

ये दवाएं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, पुदुचेरी जैसे राज्यों में स्थित कारखानों में बनी हैं. केंद्रीय से लेकर राज्यों की क्षेत्रीय प्रयोगशालों में जांच के दौरान ये औषधियां मानकों पर फेल हुईं हैं. जांच के लिए कुल 821 नमूने विभिन्न राज्यों से लिए गए थे. जिसमें 788 दवाएं ही मानक के अनुरूप मिलीं.

हल्के बुखार और दर्द में इस्तेमाल होने वाला पैरासिटामॉल 500 एमजी का टेबलेट भी जांच में फेल हुआ है. ओमेगा बायोटेक, देहरादून की ओर से तैयार बैच नंबर CT 70154 को तत्काल बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं. इस दवा की एक्सपायरी डेट भी मई 2019 तक थी. यह दवा गुवाहाटी की लैब में परीक्षण के बाद अधोमानक पाई गई.

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मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाला प्राइमाक्वीन ब्रांड के फॉस्फेट टेबलेट(2.5 एमजी) भी फेल हो गया है. बैच नंबर T- 17648 की दवा को बाजार से हटाने के निर्देश जारी हुए हैं. इस दवा की एक्सपायरी डेट जुलाई 2020  तक थी. मगर, चंडीगढ़ की रीजनल ड्रग टेस्टिंग लैबोरेटरी(RDTL) में जांच के दौरान समय से पहले ही यह दवा अधोमानक(Substandard)पाई गई.

List of Drugs declared as not of standard quality 

इसी तरह आंखों के इलाज में इस्तेमाल क्लोरमफेनिकॉल एंड डेक्सामैथासोन सोडियम आई ड्रॉप्स का नमूना भी फेल हो गया. इस दवा का बैच नंबर Poly -07 है. नामी गिरामी सिपला कंपनी का निट्रफरेशन कैप्सूल भी फेल हो गया. यूं तो यह दवा जून 2020 तक एक्सपायर होनी थी. मगर जांच में समय से पहले ही दवा खराब मिली.

लोपेरामाइड हाइड्रोक्लोराइड नामक टेबलेट का इस्तेमाल दस्त,डायरिया के उपचार में होता है. हिमाचल प्रदेश में बैच नंबर  BT 391 की इस दवा की एक्सपायरी डेट जुलाई 2020 थी. चंडीगढ़ की लैब में जांच के दौरान दवा अधोमानक पाई गई. इसी तरह महिलाओं से जुड़ी एक प्रमुख दवा भी फेल हो गई. नाम है मिसोप्रोस्टोल. इसका इस्तेमाल पेट के अल्सर को रोकने के साथ प्रसव या गर्भपात से ब्लीडिंग रोकने के लिए होता है.

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ये दवाएं भी हुईं फेल

Artesunate injection 500 mg, Telmisartan tablets, Ofloxacin tablets, chlorpheniramine maleate, Parazim- 20, Ramipril tablets, Fluconazole tablets, Amlodipine tablets 10 mg, Calcium and Vitamin d 3 tablets, Erythromycin stearate tablets 250 mg, Misoprostol Tablets 200 mcg 

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