वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री जे बी पटनायक का पार्थिव शरीर वैदिक श्लोकों के बीच राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गया. इस मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पटनायक का मंगलवार को तड़के तिरुपति के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. उनके शव को पहले तिरुपति से ओडिशा लाया गया था और बुधवार को अंतिम संस्कार के लिए पुरी ले जाया गया. उनके पुत्र पृथ्वी बल्लव ने चिता को मुखाग्नि दी.
ओडिशा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे जेबी पटनायक 89 साल के थे. पटनायक असम के गवर्नर भी रह चुके थे. पटनायक राष्ट्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने तिरुपति आए थे. वहां सोमवार देर रात उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था.
अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया और उनका निधन हो गया. जेबी पटनायक का जन्म 3 जनवरी 1927 में हुआ था. पटनायक पहली बार 1980 में ओडिशा के मुख्यमंत्री बने और 1989 तक सत्ता में काबिज रहे. पटनायक ने 1995 में फिर वापसी की और चार साल तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे. पटनायक 2009 तक असम के गवर्नर भी रह चुके हैं.
पटनायक ने 1947 में उत्कल यूनिवर्सिटी से संस्कृत में ग्रैजुएशन किया फिर मास्टर डिग्री के लिए वो बीएचयू चले गए. जहां से 1949 में उन्होंने राजनीति शास्त्र से एम.ए की डिग्री प्राप्त की. पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वो ओडिशा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए थे. पटनायक केंद्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके थे.