केंद्र सरकार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित किए जाने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं के बारे में कोई निर्णय करने से पूर्व राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं. झारखंड कैडर के पूर्व IAS दीपक गुप्ता UPSC के नए चेयरमैन
लोकसभा में कौशलेन्द्र कुमार और थोटा नरसिम्हन के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि 2011 से सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में परिवर्तन किए जाने के बाद से परीक्षा की योजना से संबंधित मुद्दों पर अलग-अलग वर्गों से अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं. इन मुद्दों को संसद के पिछले सत्र में भी उठाया गया था.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित मुद्दों पर 23 नवंबर 2014 को हुई सर्वदलीय बैठक में भी विचार विमर्श किया. इस संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं के बारे में निर्णय करने से पहले राजनीति दलों से सुझाव मांगे गए हैं.
मंत्री ने कहा कि समुचित विचार विमर्श के बाद केंद्र सरकार ने यह निर्णय किया कि सीएसई 2014 में अंग्रेजी भाषा कौशल के प्रश्न भाग के अंकों को ग्रेडेशन या मेरिट में शामिल नहीं किया जाएगा. इस संबंध में 16 अगस्त 2014 को अधिसूचना जारी की गई थी.
सिंह ने कहा कि यह भी निर्णय किया गया कि सिविल सेवा परीक्षा 2011 में शामिल उम्मीदवारों को सीएसई 2015 में एक और मौका दिया जाएगा.
एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि सरकार की सिविल सेवा परीक्षा देने वाले छात्रों की उम्र सीमा कम करने या उसमें परिवर्तन करने की कोई योजना है. इस संबंध में मीडिया में आई खबरों को अपुष्ट बताते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने इन्हें खारिज किया था.