मणिपुर में सियासी हलचल के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह को समन भेजा है. सीबीआई ने यह समन 332 करोड़ रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग करने के मामले पूछताछ करने के लिए भेजा है. सीबीआई की एक टीम दिल्ली से मणिपुर की राजधानी इंफाल जाएगी जहां वह ओकराम इबोबी सिंह से इस मामले में पूछताछ करेगी.
पिछले साल नवंबर में मणिपुर में विकास कार्यों में कथित रूप से 332 करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में सीबीआई ने 3 राज्यों में 9 जगहों पर छापे मारे थे. आइजोल, इंफाल और गुरुग्राम में भी छापे मारे गए थे. इस मामले में सीबीआई ने मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और 5 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
मणिपुर में सियासी हलचल जारी
फिलहाल सीबीआई ने यह समन कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ ऐसे समय जारी किया है जब उन्होंने मणिपुर में सरकार बनाने की पेशकश की थी.
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असल में, मणिपुर में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाले गठबंधन से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चारों मंत्रियों ने इस्तीफा देकर गठबंधन तोड़ लिया है, जिसके बाद बीजेपी सरकार मुश्किल में आ गई है. मणिपुर के सियासी बवाल से मेघालय में बीजेपी के समर्थन से चल रही एनपीपी सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हालांकि, एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा ने गुरुवार को कहा है कि मणिपुर की राजनीतिक स्थिति का मेघालय में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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बता दें कि मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से बुधवार को उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह, आदिवासी एवं पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन कायिशी, युवा मामलों और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया है. ये चारों एनपीपी के विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन का ऐलान भी कर दिया है.
पिछले हफ्ते कांग्रेस की अगुवाई वाली गठबंधन पार्टियों ने मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मुलाकात कर ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में सरकार गठन की पेशकश की थी. उन्होंने राज्यपाल से अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का भी अनुरोध किया था.