अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के ठीक बाद विदेश सचिव पद से सुजाता सिंह के इस्तीफा मामले में नया खुलासा हुआ है. पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद सुजाता सिंह ने अब कहा है कि समय से पहले रिटायरमेंट की उनकी पेशकश को पीएमओ ने खारिज कर दिया था. सिंह ने कहा कि दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय चाहता था कि वह अपने पत्र से उस हिस्से को हटा दें, जिसमें लिखा गया था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ऐसा कर रही हैं.
सुजाता ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 28 जनवरी को दोपहर में उन्हें बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी एस. जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते हैं. पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने उस शाम एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार समय से पहले रिटायरमेंट की मांग की थी. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से उन्हें कहा गया कि क्या वह उन शब्दों को हटाने पर विचार करेंगी. सुजाता ने कहा कि उन्होंने साफ कर दिया कि मैं पत्र से प्रधानमंत्री का संदर्भ नहीं हटाउंगी.
सहयोगी चैनल 'हेडलाइंस टुडे' पर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुजाता ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री के निर्देश पर हुआ था और एक अच्छे सिविल सेवक के तौर पर हम निर्देशों का पालन करते हैं.' एक सवाल के जवाब में सुजाता ने दावा किया कि सरकार के भीतर बैठा कोई शख्स मीडिया में उनके खिलाफ खबरें चलवा रहा है. उन्होंने कहा कि वह विशेष महत्व की सूचनाओं का खुलासा पत्रकारों से करने में यकीन नहीं रखतीं. उन्होंने कहा कि अब अध्याय समाप्त हो चुका है और वह अब बागवानी और बुनाई के कामों पर ध्यान देंगी.