उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बस विवाद मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है और मुश्किल वक्त में राजनीतिक स्टंट करने का आरोप लगाया है. आजतक से खास बातचीत में दिनेश शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ प्रदेश ऐसे थे, जिन्होंने प्रवासी श्रमिकों की चिंता नहीं की. उनको सैलरी, खाना नहीं मिला. ऐसे में घबराकर कई जगहों पर मजदूरों को अपने घरों की याद आई तो उन्होंने पलायन किया. वे अपने घर जाने के लिए मजबूर हुए.
दिनेश शर्मा ने कहा कि एक ओर महाराष्ट्र में लाखों लोग सड़क पर हैं. पंजाब में लोग तड़प रहे हैं. राजस्थान में पैदल चलने वाले लोगों को खाना नहीं मिल रहा है. इन सारी स्थितियों के बावजूद कुछ लोग सीधे ये कहें कि हम बस लेकर आए हैं.
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उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनसे सूची के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि लखनऊ में हम बस नहीं दे पाएंगे. उसके बाद कहा गया कि नोएडा और गाजियाबाद में बस दे पाएंगे. जब गाजियाबाद और नोएडा के लिए पूछा गया तो कहा गया कि राजस्थान सीमा पर हमारी बसें खड़ी हैं. हमने जब बसों की सूची मांगी तो 460 वाहन ऐसे थे जो फर्जी थे. 297 तो ऐसे थे जो सड़क पर चलने लायक नहीं थे. ऐसे में क्या हम मजदूरों को असुरक्षित ले जाते.
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दिनेश शर्मा ने कहा कि कुछ वाहन तो थ्री व्हीलर थे. 68 वाहन तो ऐसे जिनके कागज नहीं थे. सवाल ये नहीं है कि आपने कितनी बसें दी. सवाल ये है कि आपकी सूची में फ्रॉड था.
'राजस्थान सरकार की बसें लाई गईं'
दिनेश शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस ने अपनी बसें नहीं लाई हैं. वो राजस्थान सरकार की बसें लेकर आए. हम असुरक्षित यात्रा को स्वीकार नहीं कर सकते थे. ये राजनीतिक स्टंट के रूप में सामने आया. राजस्थान सरकार को इतनी चिंता थी तो वहां की सड़कों पर लोग टहल रहे हैं. उनके पास घर जाने के लिए साधन नहीं है. अगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत ऐसे लोगों को लेकर बॉर्डर पर आते हैं तो हम माला लेकर उनका स्वागत करेंगे.
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उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ज्यादा वाहन हो गए हैं तो पंजाब जाकर हमारे मजदूरों को ले आएं. वहां के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मजदूरों को खाना नहीं दे पाए रहे हैं. महाराष्ट्र में संक्रमण फैलता जा रहा है. ये काम कांग्रेस नहीं करती. बसें प्रियंका गांधी, कांग्रेस की नहीं है. बस राजस्थान सरकार की है. राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई आवेदन नहीं दिया था. इसलिए बस का सवाल कहां से आता है. अशोक गहलोत आपको हजार बसों का ऑफर देते तो क्या आप स्वीकार कर लेते. इस सवाल पर दिनेश शर्मा ने कहा कि हमें जरूरत होगी तो 1000 क्या 2 हजार बसें स्वीकार कर लेंगे.