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आंध्र प्रदेशः 75% दाम बढ़ाने के बाद अब 13 फीसदी कम की गईं शराब की दुकानें

चुनाव से पहले मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शराब मुक्त राज्य का वादा किया था. ऐसे में शराबबंदी की नीति को आगे बढ़ाते हुए ये फैसला सरकार की ओर से लिया गया.

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मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी

  • लॉकडाउन के दौरान बढ़ाए गए थे शराब के दाम
  • मुख्यमंत्री ने किया था शराब मुक्त राज्य का वादा

आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों को 13% तक कम कर दिया है. लॉकडाउन के दौरान जगन मोहन सरकार ने शराब के दामों में 75% तक वृद्धि की थी. शनिवार को जारी किए गए आदेश में अब राज्य में 4380 से 2,934 प्राइवेट शराब की दुकानें ही रह गई हैं. इस लिहाज से करीब 33 फीसदी शराब की दुकानें कम कर दी गई हैं.

बता दें कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शराब मुक्त राज्य का वादा किया था. ऐसे में शराबबंदी की नीति को आगे बढ़ाते हुए ये फैसला सरकार की ओर से लिया गया. इससे पहले 43,000 बेल्ट की दुकानें सरकार द्वारा बंद की गई थीं. साथ ही शराब की बिक्री का समय भी कम कर दिया गया था.

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बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में शराब में 24% और बीयर की बिक्री में 55% की भारी गिरावट हुई है. पिछले सालों की तुलना में 2020 में अवैध शराब, गिरफ्तारी और वाहनों की जब्ती बहुत अधिक है. वहीं, राज्य में 40 फीसदी बार कम कर दिए गए हैं. अब 840 में 530 बार ही संचालित हो रहे हैं.

विशाखापट्टनम गैस लीक: पूर्व IAS ने ‘नेता-अधिकारी-उद्योग’ गठजोड़ को ठहराया जिम्मेदार

बता दें कि आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ था. गुरुवार तड़के स्टाइरीन गैस के रिसाव से जुड़े हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए थे. इस मामले में एलजी पॉलिमर्स कंपनी के खिलाफ गोपालपट्टनम थाने में कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने फार्मा कंपनी से गैस रिसाव की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही जो वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें 10 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया गया है.

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