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फिंगर एरिया से पूरी तरह नहीं हटना चाहता चीन, टकराव वाले इलाकों से वापस जाने के लिए सहमत

एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के साथ बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए दोनों पक्षों को अपने स्थायी स्थानों पर वापस जाना होगा.

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एलएसी पर कई दिनों से बना हुआ है तनाव (सांकेतिक तस्वीर- पीटीआई)
एलएसी पर कई दिनों से बना हुआ है तनाव (सांकेतिक तस्वीर- पीटीआई)

  • भारत और चीन के बीच जारी है सीमा विवाद
  • टकराव वाले क्षेत्रों से चीन हटने के लिए सहमत

भारत और चीन के बीच तनाव कम करने के लिए दोनों देश समय-समय पर बातचीत कर रहे हैं. हाल ही में फिर से तनाव वाले इलाकों में चीनी सेना के पीछे हटने पर चर्चा हुई. वहीं अब सूत्रों का कहना है कि चीन फिंगर एरिया से पूरी तरह से बाहर निकलने के लिए अनिच्छा दिखा रहा है. हालांकि टकराव वाले इलाकों से पूरी तरह से हटने के लिए सहमत हो गया है.

शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि अप्रैल-मई के दौरान जहां दोनों देशों के सेनाएं थीं, वहां तक चीन वापस जाए. भारत इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेगा. दोनों पक्ष अगले कुछ दिनों में करीब 21-22 जुलाई को वापस हटने की स्थिति की निगरानी और सत्यापन करेंगे. सूत्रों के मुताबिक फिंगर-4 के पास के क्षेत्रों में चीनी सैनिकों ने ब्लैक टॉप और ग्रीन टॉप से अपने ढांचों को हटाना शुरू कर दिया है.

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इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के साथ बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए दोनों पक्षों को अपने स्थायी स्थानों पर वापस जाना होगा. जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने चीन की पीएलए को साफ कह दिया है कि फिंगर-8 से वह पीछे जाएं और अप्रैल महीने से पहले की स्थिति को बहाल किया जाए.

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हालांकि चीन के सैनिक फिंगर-4 से पीछे हटकर फिंगर-5 पर पहुंच गए हैं. गलवान नदी घाटी और लद्दाख के संवेदनशील पैंगोंग त्सो इलाके से चीन हट रहा है. पैंगोंग लेक का वही इलाका है, जहां इस साल मई के महीने में चीन के सैनिक आए थे और भारतीय सेना के साथ टकराव हुआ था.

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