मेडिकल दाखिले के लिए होने वाली नीट (NEET) यानी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के खिलाफ आवाज उठाने वाली 17 साल की दलित छात्रा एस अनिता की आत्महत्या के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया है. दरअसल वकील जीएस मणि ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी. उधर अनिता की आत्महत्या के बाद चेन्नई समेत देश के कई शिक्षण संस्थानों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
इस मामले में दायर याचिका में कहा गया है कि मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच की जाए. इसके साथ-साथ याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को आदेश दे कि वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखे और कोई भी राजनीतिक पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन न करे.
दरअसल तमिलनाडु के अरियालुर जिले की रहने वाली छात्रा अनिता ने नीट परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने वाली दलित स्टूडेंट थी. अनिता 12वीं की टॉपर थीं. बताया जा रहा है कि 17 वर्षीय अनिता ने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि वह 12वीं की टॉपर होने के बाद भी मेडिकल सीट पाने में सफल नहीं हो पाई. बता दें कि तमिलनाडु ने इस साल राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) से राज्य को बाहर रखने के लिए अधिसूचना जारी की थी.
अनिता ने 12वीं क्लास में 1200 में से 1176 अंक पाए. लेकिन नीट की परीक्षा में अनीता को 700 में से महज 86 अंक ही मिले थे. जिसके बाद उसने पिछले महीने केवल नीट के अंकों के आधार पर स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मांग करने वाली एक याचिका के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.