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ड्यूटी में लापरवाही के लिए वरिष्ठ IAS अधिकारी बर्खास्त

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि उन्हें काम में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए बर्खास्त किया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप थे. उन्होंने कहा कि विभाग की समीक्षा में अधिकारी की सेवा को कथित तौर पर मानक के अनुरूप नहीं पाया गया.

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मोदी सरकार के सख्त तेवर
मोदी सरकार के सख्त तेवर

सरकार ने दो आईपीएस अधिकारियों के बाद अब एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के. नरसिंह को कथित तौर पर कर्तव्य में लापरवाही के चलते जनहित में बर्खास्त कर दिया है. नरसिंह 1991 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि उन्हें काम में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए बर्खास्त किया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप थे. उन्होंने कहा कि विभाग की समीक्षा में अधिकारी की सेवा को कथित तौर पर मानक के अनुरूप नहीं पाया गया. केंद्र सरकार के विभागों में कार्यरत आईएएस अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा कराई जा रही है ताकि काम में कोताही करने वाले अधिकारियों को बाहर किया जा सके. इसने राज्य सरकारों से भी इस तरह के कदम उठाने को कहा है.

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दो बार सर्विस की समीक्षा किए जाने का नियम
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने नरसिंह के अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम- 1958 के नियम 16 (तीन) के तहत जनहित में समय पूर्व सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी है. अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम- 1958 के मुताबिक, केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श कर और सेवा के सदस्य को कम से कम तीन महीने पहले लिखित नोटिस देकर या इस तरह के नोटिस के बदले तीन महीने के वेतन और भत्ते का भुगतान कर जनहित में सदस्य को सेवानिवृत्त कर सकती है. अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की दो बार सेवा समीक्षा की जाती है-- पहली सेवा के 15 वर्ष पूरा होने पर और फिर 25 वर्ष पूरा होने पर.

पहली बार किसी IAS अधिकारी पर की गई सख्त कार्रवाई
सूत्रों ने बताया कि किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ यह विरला मामला है. इसका उद्देश्य है कि सरकार में कोई अनुपयुक्त अधिकारी नहीं रहें और यह भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति भी है. इस तरह का मामला 2014 में तब आया था जब मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस दंपति अरविंद और टीनू जोशी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. आयकर विभाग ने बर्खास्तगी से चार वर्ष पहले उनके आवास पर छापेमारी कर 350 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया था और तीन करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे. सीबीआई ने नरसिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था. अधिकारी के खिलाफ आरोपों में भारतीय खेल प्राधिकरण का सचिव रहते पद के दुरुपयोग का मामला भी था.

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दो वरिष्ठ IPS अधिकारी बर्खास्त किए गए
गौरतलब है कि इसी तरह की कार्रवाई में गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर कर्तव्य में लापरवाही के लिए दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को बर्खास्त किया था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1998 बैच के अधिकारी मयंक शील चौहान और छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के अधिकारी राजकुमार देवांगन को अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम- 1958 के तहत समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई है.

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