लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित चार आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रध्वज के अपमान के एक प्रकरण में जिले के नसरुल्लागंज में प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी जफर इकबाल अहमद द्वारा आपराधिक प्रकरण दायर करने, गिरफ्तारी वारंट जारी करने तथा मामले में उन्हें नौ दिसंबर को अदालत में उपस्थित होने संबंधी दिए गए आदेश पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय मालवीय ने स्थगनादेश दिया है.
प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी जफर इकबाल के आदेश को चुनौती देते हुए सुषमा, चौहान एवं दो अन्य आरोपियों के वकील राजेश पाराशर ने एडीजे मालवीय की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मालवीय ने निचली अदालत के समूचे आदेश पर अमल को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए यह ‘स्थागनादेश’ दिया है. उनकी अदालत में प्रकरण की अगली सुनवाई एक दिसंबर तय की गई है.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार सुबह ही नसरुल्लागंज के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अहमद ने युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री द्वारका प्रसाद जाट द्वारा उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज परिवाद पर राष्ट्रध्वज के अपमान के मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने तथा सभी आरोपियों को नौ दिसंबर को अदालत में उपस्थित होने संबंधी आदेश दिए थे.