हम आपको बताते हैं कि नोएडा एक्सटेंशन में वो कौन-कौन से प्रोजेक्ट हैं. जिन पर लटक रही है इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की तलवार.
नोएडा एक्सटेंशन के साथ ही दर्जनों बिल्डर्स के उन प्रोजेक्ट की तकदीर भी तय हो जाएगी जो प्रोजेक्ट, 11 गांवों की उस जमीन पर चल रहे हैं-जिसके अधिग्रहण पर हाईकोर्ट फैसला सुना सकता है.
बात ग्रेटर नोएडा के रौजा याकूबपुर गांव की करें तो यहां 7 बिल्डर्स के प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट के फैसले का असर पड़ सकता है. ये प्रोजेक्ट हैं:
राधेकृष्णा ग्रुप का कासा ग्रीन्स-1
अजनारा का अजनारा ली गार्डेन
निराला डेवलपर्स का निराला एस्पायर
पंचशील ग्रुप का पंचशील ग्रीन्स-2
सुपरटेक का इको विलेज-3
आरजी ग्रुप का आरजी लग्जरी होम्स और
आम्रपाली का ड्रीम वैली.
जबकि नोएडा एक्सटेंशन के बिसरख जलालपुर गांव में 8 बिल्डर्स के प्रोजेक्ट खटाई में पड़ सकते हैं. ये प्रोजेक्ट हैं:
पंचशील ग्रुप का पंचशील हाइनिस
सुपरटेक का इको विलेज-1
अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का अर्थ टाउन
ट्राइडेंट रियल्टी का एंबेसी स्टेलर ग्रुप का स्टेलर जीवन
पारामाउंट का पारामाउंट इमोशन
अर्थकॉन का कासा रॉयल और
आम्रपाली का स्प्रिंग मिडोज.
ग्रेटर नोएडा के इतेड़ा गांव के जमीन अधिग्रहण पर भी सुनवाई है. यहां भी सात बिल्डर्स के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. ये प्रोजेक्ट हैं: आम्रपाली का सेंचुरियन
काउंटी ग्रुप का चेरी काउंटी
एवेन्यूज रियल्टर्स का फ्यूजन होम्स
सुपरटेक का इको विलेज-2
एम्स ग्रुप का वसुंधरा
पंचशील का पंचशील ग्रीन्स-1 और
अजनारा का अजनारा होम्स.
नोएडा एक्सटेंशन के हैबतपुर गांव में चल रहे बिल्डर्स के प्रोजेक्ट पर भी तलवार लटकने लगी है. इन प्रोजेक्ट में शामिल हैं: गौरसंस का गौर सिटी-1 और
एक्जॉटिका हाउसिंग का एक्जॉटिका ड्रीम विले.
जबकि देवला और रौजा जलालपुर गांव में अभीतक कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है. फिलहाल सबको इंतजार है- इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का, जो तय करेगा नोएडा एक्सटेंशन की किस्मत और हजारों निवेशकों के उस घर की तकदीर, जिसका सपना उन्होंने देखा था.