आम लोगों को खाने-पीने की चीजों की महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है. दो सप्ताह की गिरावट के बाद खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की गयी है.
फल, दूध, अंडा और कई सब्जियों की कीमतें चढने से खाद्य मुद्रास्फीति 15 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 0.05 अंक बढ़कर 15.57 फीसद हो गयी. इससे पूर्व सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 15.52 फीसद और पिछले वर्ष इसी समय 20.07 फीसद थी.
विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर मुद्रास्फीति का दबाव बना रहा तो मार्च में मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक अपनी अल्कालिक ब्याज दरें फिर बढा सकता है, जिससे मकान, कारोबार और निजी खरीद फरोख्त के लिए बैंकों का कर्ज महंगा हो सकता है.
खाद्य मुद्रास्फीति में दो सप्ताह नरमी के रुख में रहने के बाद मजबूती का रुख बन गया. इससे पहले 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में यह 18.32 प्रतिशत की उंचाई तक पहुंच गई थी. समीक्षागत सप्ताह के दौरान सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 67.07 प्रतिशत बढ गये. प्याज के दाम इस दौरान 111.58 प्रतिशत ऊंचे रहे.{mospagebreak}
सब्जी के अलावा फल, दूध, अंडा, मांस एवं मछली की कीमत भी चढ़ी है. एक साल पहले की तुलना में फल 16.40 प्रतिशत और दूध 12.44 प्रतिशत महंगा रहा. अंडा, मांस और मछली के दाम भी 13.58 प्रतिशत बढ गये.
इस दौरान अनाज में भी 0.53 प्रतिशत की मजबूती रही, जबकि चावल के दाम 2.79 प्रतिशत बढ गये. हालांकि, इस दौरान गेहूं, दाल में सालाना आधार पर क्रमश 5.75 प्रतिशत और 14.07 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.