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सत्येंद्र दूबे हत्याकांड में 3 लोग दोषी ठहराए गए

बिहार में स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले इंजीनियर सत्येंद्र दूबे हत्याकांड में सोमवार को एक अदालत ने तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया.

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बिहार में स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले इंजीनियर सत्येंद्र दूबे हत्याकांड में सोमवार को एक अदालत ने तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया.

सीबीआई प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में बताया कि पटना में विशेष सीबीआई अदालत ने मंटू कुमार, उदय कुमार और पिंकू रविदास को दूबे हत्याकांड में दोषी ठहराया. दूबे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में बतौर इंजीनियर काम करते थे. अभियुक्तों को सजा 27 मार्च को सुनाई जाएगी.

आईआईटी कानपुर के छात्र रहे दूबे की 27 नवंबर 2003 को बिहार में गया के सर्किट हाउस के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था. साथ ही भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले लोगों की रक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की गई थी.

बिहार पुलिस से मामले की जांच सीबीआई को 14 दिसंबर 2003 को सौंपी गई थी. उसने तीन सितंबर 2004 को आरोपपत्र दायर किया था. वक्तव्य में बताया गया कि मंटू को हत्या, डाका डालने के दौरान स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और शस्त्र अधिनियम के तहत गैर लाइसेंसी हथियार रखने संबंधी धाराओं के लिए दोषी ठहराया गया.

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दो अन्य अभियुक्तों को साझा मंशा के तहत कार्रवाई करते हुए हत्या करने और डाके के दौरान स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया है. जांच के दौरान सीबीआई ने मंटू, उदय, पिंकू और श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया. ये सभी बिहार के गया जिले के कटारी गांव के निवासी हैं.

वक्तव्य में कहा गया है, ‘26-27 नवंबर की रात को ये सभी गया के सर्किट हाउस के निकट उपस्थित हुए थे. जब दूबे एक रिक्शा पर सवार होकर सर्किट हाउस के सामने से गुजर रहे थे तो आरोपियों ने उनका सामान लूट लिया और इस दौरान जब झड़प हुई तो मंटू ने 0.315 के एक देसी पिस्तौल से उन्हें गोली मार दी.’

सीबीआई ने कहा कि दूबे का ब्रीफकेस एक कुएं से बरामद किया गया था. इसमें दूबे से जुड़े दस्तावेज और उनका पहचान पत्र था. जांच के दौरान हत्या में इस्तेमाल देसी पिस्तौल को भी बरामद कर लिया गया. एजेंसी ने कहा कि श्रवण ने घटना के बारे में स्वेच्छा से पूरी जानकारी दी और उसे इकबाली गवाह बना दिया गया था.

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