रिटायर्ड अधिकारियों ने की यह मांग
खुला पत्र जारी करने वाले संवैधानिक आचरण समूह (CCG) में देश के चारों शीर्ष प्रशासनिक सेवाओं ( IAS, IPS, IFS और IRS) से सेवानिवृत्त नौकरशाह शामिल हैं. इस ग्रुप ने गुरुवार को सरकार के उन दावों को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी आपस में लिंक नहीं है. इसके साथ ही खुले पत्र में केंद्र से हाल ही में पारित नागरिकता अधिनियम को निरस्त करने और डिटेंशन कैंप के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की अपील भी की गई है.
दस्तखत करने वालों में शामिल हैं कई बड़े नाम
भारत के नौकरशाही में शामिल तमाम बड़े नामों ने उस खुले पत्र पर अपने हस्ताक्षर किए हैं. दस्तखत करने वालो में पूर्व विदेश सचिव श्याम शरण, शिव शंकर मेनन और सुजाता सिंह, पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्लाह, दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग, यूके में पूर्व भारतीय राजदूत शिव शंकर मुखर्जी, पूर्व एशियाई विकास बैंक के कार्यकारी निदेशक पी के लाहिड़ी, ट्राई के पूर्व अध्यक्ष राहुल खुल्लर और पूर्व डीजी बीपीआरडी मीरन सी बोरवंकर शामिल हैं.
सेवानिवृत्त सिविल सेवकों ने केन्द्र से की अपील
सेवानिवृत्त सिविल सेवकों ने मांग की है कि केंद्र को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 14A और 18 (2) को रद्द करना चाहिए. उन्होंने सरकार से विदेशी (ट्रिब्यूनल) संशोधन आदेश, 2019 को वापस लेने और डिटेंशन कैंप के निर्माण के सभी निर्देशों को वापस लेने के लिए भी कहा है.