वीडियो में दिखाई दिया कि महिला ने लगातार पुजारी का विरोध किया और उसके बाद झूमने लगी. इसके बाद 2 पुलिसकर्मियों ने महिला को घसीटकर बाहर निकाला. मंदिर में ड्रामे का वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद महिला के साथ किए गए व्यवहार को लेकर चर्चा होने लगी है.
इस मामले पर मोती डूंगरी मंदिर के महंत कैलाश ने कहा कि जिस वक्त महिला मूर्ति के पास जाने की कोशिश कर रही थी, उस वक्त आरती चल रही थी इसलिए पुजारी ने उसे रोका. उन्होंने कहा कि महिला मानसिक रूप से असंतुलित लग रही थी और रोकने के बाद भी नहीं रुकी तो पुलिस ने उसे खींचकर बाहर निकाला. महंत ने बताया, किसी को भी मूर्ति के पास जाने की इजाजत नहीं है. पुजारी को डर था कि महिला मूर्ति को नुकसान पहुंचा सकती थी इसलिए उसे रोका गया.
वहीं इस मामले पर मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस तरह से मंदिर के अंदर जाना ठीक नहीं है, ऐसे में रोकना जरूरी था. मंदिर प्रशासन का कहना है कि उसे मंदिर से बाहर निकालकर छोड़ दिया था उसके बाद पता नहीं है कि वह कहां से आई थी और कहां गई. हालांकि महिला ने भी अपने साथ हुए इस व्यवहार की पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है.