रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के मुद्दे पर जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की तो उन्होंने (पीएम मोदी) इस मामले में निर्णय लेने में क्षण भर की देरी नहीं की. जयपुर में आयोजित सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह दावा किया.
मंगलवार को चौथे सैन्य वेटरेनस दिवस के मौके पर जयपुर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होना चाहिए, 20-21 वर्षों से यह चर्चा इस देश में चल रही है, लेकिन ज्यों ही रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद मैंने प्रधानमंत्री जी से चर्चा की, उन्होंने क्षण भर की देर नहीं लगाई और ओके बोल दिया.'
Addressing a programme organised in Jaipur to mark the Armed Forces Veterans’ Day. Watch https://t.co/FRo2S3s7Tv
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 14, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'जून में ही हमारी उनसे (पीएम मोदी) चर्चा हुई है.15 अगस्त को उन्होंने घोषणा की, 14 अगस्त को सारे फैसले हो चुके थे. मैं प्रपोजल लेकर कैबिनेट की सिक्योरिटी में गया और वो क्लियर हो गया. आज यदि आपके बीच मैं आया हूं तो अभी 31 दिसंबर को वेटरन हो गए होते, वैसे एक प्रकार से वह वेटरन हो गए लेकिन जनरल वह बिपिन रावत जी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में हमारे वेटरेनस के बीच यहां पर मौजूद हैं.'
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक सैनिक कभी रिटायर नहीं होता है. उन्होंने कहा कि वेटरेंस का कल्याण राष्ट्रीय प्राथमिकता है और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति से इस दिशा में कदम बढ़ाना और भी आसान होगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि रिटायर सैनिकों के कल्याण के लिए कई अन्य योजनाओं पर चर्चा की जा रही है और प्रधानमंत्री ने हाल ही में तीन सैन्य अस्पतालों की स्थापना की घोषणा की है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जनरल रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. वह सेवानिवृत्त सैनिकों का बहुत सम्मान करते हैं और इसलिए वह इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आए हैं. सरकार 2030 तक आर्थिक मानकों के मामले में भारत को शीर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में लाने और पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है.