
भारत दौरे पर आए राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्होंने गांधीजी के सिद्धांतों को याद करते हुए आगंतुक पुस्तिका में लंबा संदेश लिखा. पुतिन ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने समय में ही नए, ज्यादा न्यायपूर्ण वर्ल्ड ऑर्डर का अंदाजा लगा लिया था जो अभी बन रहा है.
राष्ट्रपति पुतिन को शुक्रवार को सबसे पहले राष्ट्रपति भवन में 21 तोपों को सलामी दी गई. इसके बाद वे महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पहुंचे.
पुतिन ने राजघाट पर फूलमाला चढ़ाकर गांधी को श्रद्धांजलि दी और फिर विजिटर्स बुक में संदेश में लिखा. ये उनकी यात्रा के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के एजेंडे का हिस्सा था.
महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पर विजिटर्स बुक में पुतिन ने बहुपक्षीयता (मल्टीपोलैरिटी) का संदेश दिया. पुतिन का यह संदेश गांधी की अहिंसा और शांति की विरासत के संदर्भ में वैश्विक शांति और बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था पर जोर देता हुआ प्रतीत होता है.
विजिटर्स बुक में राष्ट्रपति पुतिन ने लिखा, "आज के भारतीय राज्य के संस्थापकों में से एक महान दार्शनिक और मानवतावादी महात्मा गांधी ने हमारी दुनिया के लिए लीडरशिप के मसले पर एक बहुत बड़ा योगदान दिया. पुतिन ने लिखा कि आजादी, अच्छाई और परोपकार पर उनके विचार आज भी काम के हैं. "

पुतिन ने अपने संदेश में न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को याद करते हुए गांधीजी के मैसेज की चर्चा की. उन्होंने लिखा, "महात्मा गांधी ने असल में उस नए, ज़्यादा न्यायपूर्ण वर्ल्ड ऑर्डर का अंदाज़ा लगाया था जो अभी बन रहा है. एल. एन टॉलस्टॉय को लिखे अपने चिट्ठियों में उन्होंने दुनिया के भविष्य, भागने से आज़ादी और लोगों के बारे में बात की. ये वही सिद्धांत और मूल्य हैं जिनका रूस और भारत आज इंटरनेशनल स्टेज पर सम्मान करते हैं और सहयोग करते हैं."
भारत तटस्थ नहीं है- पीएम मोदी
राजघाट के बाद राष्ट्रपति पुतिन नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस पहुंचे. यहां पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्होंने संयुक्त बयान जारी किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं है और यूक्रेन युद्ध में शांति के पक्ष में है. उन्होंने इस साल की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप से भी यही बात कही थी. शुक्रवार को दिल्ली में अपनी बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने पुतिन की एक दूरदर्शी नेता के तौर पर तारीफ की और इस बात पर जोर दिया कि "यह शांति का युग है."