किसानों का भारत बंद खत्म हो गया लेकिन आंदोलन जारी है. देशभर में बंद के दौरान कई तरह की तस्वीरें सामने आईं. कहीं झड़प तो कहीं हंगामा और कहीं एकदम शांति दिखाई दी. बुधवार को सरकार के साथ किसानों की छठे दौर की बातचीत तय है.
बहरहाल, किसानों के भारत बंद को लेकर बीते दिन से ही राजनीतिक पार्टियों के तेवर तल्ख हैं. भारत बंद के दौरान दिल्ली में आम आदमी पार्टी, यूपी में समाजवादी पार्टी और बिहार में आरजेडी और पप्पू यादव की पार्टी का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद कर दिया तो वहीं पप्पू यादव की पार्टी पर भी हंगामा खड़ा करने का आरोप लगा. वहीं वामदल भी किसानों के समर्थन में पूरे देश में सड़क पर उतरे.
लेफ्ट पर बरसे जावड़ेकर
वहीं मोदी सरकार की तरफ से एक के बाद एक तमाम मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विपक्ष पर टूट पड़े. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी लेफ्ट पार्टियों में पर निशाना साधा. प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, 'अगर पाखंड का कोई नाम होता... क्या आपको पता है कि लेफ्ट शासित केरल में कोई कृषि उपज मंडी समिति (APMC) नहीं है? लेकिन वामपंथी पार्टियां आज सड़क पर थीं और आरोप लगा रही हैं कि मोदी सरकार मंडी समिति को कमजोर बना रही है.'
If Hypocrisy had a name...
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 8, 2020
Did you know that Left ruled Kerala does not even have APMCs?
But left parties are on the streets today, accusing @narendramodi government of weakening APMCs.
केरल सरकार जाएगी कोर्ट
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लेफ्ट पार्टियों को लेकर यह निशाना तब साधा है जब केरल सरकार ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. केरल के कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने सोमवार को त्रिसुर में कहा था कि केरल सरकार केंद्र के कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
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वीएस सुनील कुमार ने कहा कि केरल सरकार ने इस हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट में फार्म लॉ को चुनौती देने का फैसला किया है. हम कृषि कानूनों को केरल में लागू नहीं करेंगे. वो (केंद्र सरकार) कह रहे हैं कि ये कानून किसानों के मुफीद है. केंद्र सरकार कह रही है कि इससे बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी. वो लोगों को वेबकूफ बना रहे हैं. केरल के कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि केवल केंद्र के अधीन आने वाला मामला नहीं है, बल्कि राज्य को भी इसे लेकर फैसला करना है. केंद्र एकतरफा फैसले नहीं ले सकता.
राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी दल
इससे पहले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्षी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेगा. प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, शरद पवार और अन्य नेता शामिल होंगे. COVID-19 प्रोटोकॉल के कारण केवल 5 लोगों को ही राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति दी गई है.