अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद रितेश पांडे ने भाजपा का दामन थाम लिया है. बीजेपी दफ्तर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के यूपी प्रभारी बैजयंत पांडा, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उनका स्वागत किया. पांडे ने आज ही बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था.
रितेश पांडेय उन 9 सांसदों में शामिल थे जिन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में लंच किया था. कहा जा रहा है कि बीजेपी रितेश पांडे को अंबेडकरनगर से टिकट दी सकती है. राजनीतिक परिवार से आने वाले रितेश के पिता राकेश पांडे समाजवादी पार्टी से विधायक हैं.
एक्स पर पोस्ट किया इस्तीफा
मायावती को भेजे अपने इस्तीफे में रितेश पांडे ने लिखा, 'जब मैंने बसपा ज्वॉइन की तो आपका मार्गदर्शन मिला और पार्टी पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने हरसंभव सहयोग दिया. पार्टी ने मुझे यूपी विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया और संसदीय दल के नेता के रूप में भी कार्य करने का अवसर दिया. इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी के और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों के प्रति हृदय की गहराईयों से आभार प्रकट करता हूं.'
जताई नाराजगी
लेटर में उन्होंने आगे लिखा, 'लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा था. मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट करने के अनगिनत प्रयास किए लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस दौरान में अपने क्षेत्र में लोगों से और पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार मिलता रहा. मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई जरूरत नहीं है इसलिए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला भावात्मक रूप से कठिन फैसला है. आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए. मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं.'
मायावती का पोस्ट
रितेश पांडे के इस्तीफे के बाद मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट किया है, हालांकि इसमें उन्होंने कहीं भी रितेश पांडे का नाम नहीं लिखा है. मायावती ने कहा, बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है.'
उन्होंने अगली पोस्ट में लिखा, 'अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है? ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं. मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित. बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि.'
यह भी पढ़ें: 'हर ओर हो रही है नमो ड्रोन दीदी की चर्चा...' मन की बात में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी