दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब एक शख्स ने मंच पर चढ़कर प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की.
भरी सभा में दर्शकों के बीच बैठा आदमी ठीक उसी वक्त मंच पर आकर चढ़ गया, जब प्रधानमंत्री अपना भाषण शुरू करने वाले थे.
दर्शकों के बीच बैठा एक शख्स अचानक मंच पर आकर, शर्ट उताकर नारेबाजी करने लगा.
इस शख्स ने प्रधानमंत्री वापस जाओ और डीजल का दाम घटाओ जैसे नारे लगाए.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जब भाषण देने के लिए खड़े हुए तो एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ नारे लगाए.
मनमोहन सिंह जब ‘एशिया में आर्थिक विकास और कॉरपोरेट माहौल में बदलाव पर सम्मेलन’ को संबोधित करने के लिए उठे, तो व्यक्ति ने नारा लगाया, ‘प्रधानमंत्री वापस जाओ.’
प्रधानमंत्री मंच पर खड़े रहे, जब तक सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को विज्ञान भवन के कक्ष से बाहर किया.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
भारतीय विधि संस्थान द्वारा आयोजित सम्मेलन में एशिया के विधि विशेषज्ञों समेत भारत के मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल हुए थे.
फिलहाल आईबी और दिल्ली पुलिस दोनों उससे पूछताछ कर रही हैं.
जानकारी के मुताबिक, विरोध करने वाले शख्स का नाम संतोष कुमार सुमन है.
विरोध जताने वाला शख्स सुमन पेशे से वकील है.
बिहार का रहने वाला सुमन दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में प्रैक्टिस करता है.
खबर यह भी है कि सुमन राष्ट्रीय जनता दल के लीगल सेल में है और उसने पीएम के खिलाफ एक केस फाइल करने की कोशिश की थी.
प्रदर्शनकारी ने अपनी कमीज उतार रखी थी.
भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने समावेशी, तीव्र और स्थिर विकास की वकालत की और निजी क्षेत्र के विकास के लिए मौजूदा औद्योगिक व्यावसायिक कानूनों के परीक्षण का वादा किया.
सुरक्षाकर्मी बाद में उसे सभाकक्ष से बाहर ले गए.
इस व्यवधान के बावजूद प्रधानमंत्री ने अपना सम्बोधन जारी रखा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार संसद में जल्द ही एक नया कम्पनी विधेयक लाएगी, जिससे औद्योगिक जगत की मौजूदा जरूरतों से निपटा जा सकेगा.
इस घटना के बाद कांग्रेस ने कहा है कि एक शख्स का विरोध मायने नहीं रखता है.
कांग्रेस ने इस घटनाक्रम के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है.
इस अप्रत्याशित घटना के बाद सनसनी फैल गई.
नारेबाजी की घटना से प्रधानमंत्री अचानक हतप्रभ रह गए.