नई दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस बनकर तैयार हो चुकी है. नए लुक के साथ तेजस दिल्ली पहुंची चुकी है. कपूरथला कोच फैक्ट्री में बनी तेजस एक्सप्रेस की दूसरी रैक पहली तेजस एक्सप्रेस की तुलना में ज्यादा आधुनिक है. नई तेजस एक्सप्रेस में कलर स्कीम को पूरी तरीके से बदल दिया गया है.(सभी तस्वीरें- आलोक दास)
नीले रंग की पुरानी स्कीम की जगह अब भगवा, पीला और भूरे कलर को डिब्बे में जगह दी गई है. लिहाजा नई कलर स्कीम के चलते ऐसा लग रहा है जैसे ट्रेन का ही भगवाकरण कर दिया गया है.
मोदी सरकार ने तीन रेलवे रूट्स पर तेजस एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की थी. मुंबई और गोवा के बीच में पिछले साल मई में पहली तेजस एक्सप्रेस चलनी शुरू हुई. दूसरी तेजस एक्सप्रेस नई दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच चलाई जानी है. और तीसरी तेजस एक्सप्रेस दिल्ली के आनंद विहार से लखनऊ के बीच चलनी है.
नई तेजस एक्सप्रेस में विनायल रैपिंग का उपयोग किया गया है. फायर से बचने
के लिए सेंसर लगाए गए हैं. साथ ही साथ हर डिब्बे में सीसीटीवी लगाया गया
है.
तेजस एक्सप्रेस में LED स्क्रीन पर ऑन डिमांड एंटरटेनमेंट दिया जाएगा.
ट्रेन में आन बोर्ड वाईफाई, मॉड्यूलर बॉयो टॉयलट और आरामदायक सीटें लगाई
गई हैं.
नई तेजस एक्सप्रेस में खिड़कियों पर ऑटोमेटिक तरीके से चलने वाले पर्दे लगाए गए हैं. इन पदों की खासियत यह है कि ये खिड़की में लगे दो शीशों के बीच में फिट किए गए हैं. एक बटन के जरिए इसे ऊपर नीचे किया जा सकता है. नई तेजस एक्सप्रेस में स्वचालित इंटर कनेक्टिंग दरवाजे हैं.इससे एक कोच से दूसरे कोच में जाना काफी सुविधाजनक हो गया है.
नई तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के इंटीरियर को नए रंग वाली सीटों के साथ बदल दिया गया है. नारंगी और पीले रंग को मिलाकर बाहरी दीवारों पर पहली तेजस ट्रेन के उलट सीटों पर चमड़े की तरह सामग्री की बजाय कपड़े से कवर किया गया है.
नई तेजस एक्सप्रेस में कई अहम बदलाव किए गए हैं. इस ट्रेन में LED स्क्रीन पहले की तरह ही लगाई गई है, लेकिन खानपान की टेबल नए तरीके से लगाई गई है. इससे लोगों को सीटों के बीच में ज्यादा स्पेस मिल सकेगा.
दृष्टिबाधित लोगों के लिए जानकारी देने के वास्ते ब्रेल लिपि का उपयोग किया गया है. हर एक सीट के ऊपर रीडिंग लाइट लगाई गई है. और साथ ही कालिंग बेल का प्रावधान भी किया गया है.
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक नई दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच में तेजस एक्सप्रेस 3 घंटे का समय लेगी. नई दिल्ली से सुबह 9:40 पर चलकर यह ट्रेन 12:40 पर चंडीगढ़ पहुंच जाया करेगी. यानी यह ट्रेन इस रूट पर शताब्दी ट्रेन से भी तेज चलेगी. रेल मंत्रालय जल्द ही नई तेजस एक्सप्रेस को चलाने की तारीख पर फैसला करेगा.
नई तेजस एक्सप्रेस में सेंसर बेस्ट टैप फिटिंग की गई है. टॉयलेट में कोरियन कमोड दिया गया है. इसके साथ ही हर एक डिब्बे में मिनी पैंट्री दी गई है. तेजस एक्सप्रेस के डिब्बों के दरवाजे स्वचालित तरीके से बंद होंगे. जैसे ही ट्रेन रफ्तार पकड़ेगी इस के दरवाजे खुद-ब-खुद लॉक हो जाएंगे. तेजस एक्सप्रेस को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के लिए तैयार किया गया है.
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी के मुताबिक दूसरी तेजस एक्सप्रेस
कपूरथला कोच फैक्ट्री में बनाई गई है. राजधानी दिल्ली में अब इसको कमीशनिंग
के लिए तैयार किया जा रहा है.