Chandrayan 2: किन खास चीजों से बनता है स्पेस सूट? ऐसे होता है डिजाइन
सुमित कुमार/aajtak.in
06 सितंबर 2019,
अपडेटेड 6:04 PM IST
1/7
भारत का मिशन चंद्रयान-2 कुछ घंटों बाद चांद की सतह पर पहुंचेगा. चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद पर रात को करीब एक बजे उतरेगा. चंद्रयान-1 जो काम नहीं कर पाया था, अब चंद्रयान-2 उस काम को पूरा करेगा. क्या आप जानते हैं स्पेस में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को स्पेशल आउटफिट पहनने पड़ते हैं.
2/7
एस्ट्रोनॉट्स के लिए ये आउटफिट किसी सुरक्षा कवच से कम नहीं होते, जो बुरे हालातों में इनकी सुरक्षा करते हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये आउटफिट तैयार कैसे किए जाते हैं.
3/7
कैसे बनता है स्पेस सूट एस्ट्रोनॉट के लिए स्पेशल आउटफिट बनाते समय डिजाइनर्स को कई खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. आउटफिट में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक को टेस्ट करने के बाद ही इनका प्रयोग होता है.
Advertisement
4/7
इसे बनाने के लिए नाईलॉन, स्पैंडेक्स, यूरीथेन कोटेन नाइलॉन, मायलार, गोर्टेक्स, केवलर और डैक्रोन नाम के फैब्रिक का इस्तेमाल होता है. इस सूट की छह अलग-अलग लेयर्स होती हैं जिनमें कई माइक्रोलेयर्स भी होते हैं.
5/7
इसलिए खास है स्पेस सूट एस्ट्रोनॉट के कपड़े कई खास सुविधाओं से लैस होते हैं. इसमें ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई और कार्बन डाईऑक्साइड के निकास की सुविधा होती है. किसी भी तापमान में यह इंसान के शरीर को संतुलित रखने में मददगार है.
6/7
यह सूट माइक्रोमीटिरॉड्स से एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा करता है. इसके अलावा धरती पर मिशन को कंट्रोल करने वालों से संपर्क करने की सुविधा भी इसी में की जाती है.
7/7
क्यों जरूरी है स्पेस सूट? स्पेस का तापमान पृथ्वी के तापमान से काफी ज्यादा ठंडा या गर्म हो सकता है. इसलिए बॉडी के तापमान को संतुलित रखने के लिए स्पेस सूट पहना जाता है. यह अत्यधिक ठंड या गर्मी के अलावा विभिन्न प्रकार के कैमिकल्स और माइक्रोमीटियोरॉड्स से इंसानों का बचाव करता है.