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पहाड़ों पर बादल फटने से तबाही, क्या है बचाव का रास्ता?

पहाड़ों पर बादल फटने से तबाही, क्या है बचाव का रास्ता?

पहाड़ी राज्यों में हर साल प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल का भारी नुकसान होता है. मानसून के दौरान बादल फटने की घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. मौसम विभाग के अनुसार, 20 से 30 वर्ग मीटर के दायरे में एक घंटे में 100 मिलीमीटर बारिश दर्ज होने पर इसे बादल फटना या फ्लैश फ्लड कहा जाता है.

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