राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा की रीढ़ मानी जाने वाली जांच एजेंसियों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज है साख. लेकिन वो साख अब सवालों में हैं. आपको शायद याद होगा साल 2013 में कोयला घोटाले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद वो तोता बन गयी है जो अपने मालिक की बोली बोलती है. अब साल है 2021, सीबीआई ही नहीं बल्कि ईडी और एनसीबी तक जैसी बड़ी जांच एजेंसियों पर भरोसा छोटा ना हो इसलिए जरूरी है दस्तक देना. बीजेपी के सांसद संजय पाटिल एक मॉल के उद्घाटन समारोह में सार्वजनिक तौर पर कहते सुनाई पड़ते हैं कि ED हमारा कुछ नहीं करेगी क्योंकि वो सत्ताधारी पार्टी के सांसद हैं. देखिए ये रिपोर्ट.
The most important thing for the investigative agencies, considered to be the backbone of the internal security of the nation, is credibility. But these credentials is now in question. A recent statement from a BJP MP openly indicates how agencies are manipulated by those in power. Watch this report.