सुरंग से बाहर आए मजदूरों का सीएम धामी ने किया स्वागत उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है. सुरंग में खुदाई पूरी हो गई है. 800 मिमी व्यास के पाइप के जरिए सभी मजदूरों को बाहर खींचकर निकाल लिया गया है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंची, फिर उन्हें बाहर निकालने का काम शुरू किया गया. मजदूरों को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल भेजने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. वहीं सुरंग के अंदर मजदूरों के परिजनों को भेजा गया है. वो सर्दी के हिसाब से कपड़े लेकर वहां गए हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने मजदूरों को 1 लाख की सहायता राशि देने का फैसला किया है. यह आर्थिक सहायता मजदूरों को कल दी जाएगी. साथ ही सीएम ने NHIDCL से कहा कि इन मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था की जाए.
CM धामी ने जानकारी दी कि हमने तय किया है कि अब उस सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर बनाया जाएगा.
सीएम धामी ने अपने प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि सबसे छोटे मजदूरों को पहले निकाला है. इसके बाद अन्य लोगों को निकाला है. 5-5 लोगों के ग्रुप में मजदूरों को बाहर निकाला गया है.
सीएम धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का और जनरल वीके सिंह का भी शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि PMO के कई अधिकारी यहां मौजूद थे. मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान बताया कि मैं खुद अभी रैट माइनर्स से मिला हूं. इस ऑपरेशन की सफलता में गोरखपुर और दिल्ली के रैट माइनर्स का अहम योगदान है.
मजदूरों के बाहर निकलने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पीएम मोदी दिन में दोनों टाइम अपडेट लेते थे. सीएम धामी ने सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी.
सिल्क्यारा ऑपरेशन में सफलता पाने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है.'
सभी मजदूरों को सुरक्षित वापस निकाल लिया गया है. अभी सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मजदूरों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं.
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया लगातार जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी इस पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. पीएम इस वक्त कैबिनेट की मीटिंग में हैं, लेकिन वो लगातार इस विषय पर अपडेट ले रहे हैं.
मशहूर बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'यह कृतज्ञता का समय है. प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद जिन्होंने इन 41 बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने के लिए पिछले 17 दिनों में अथक परिश्रम किया. किसी भी खेल की जीत से कहीं अधिक, आपने देश का मनोबल बढ़ाया है और हमें आशा में एकजुट किया है. आपने हमें याद दिलाया है कि किसी भी सुरंग से निकलना मुश्किल नहीं है, कोई भी कार्य असंभव नहीं है जब हमारे कार्य और प्रार्थनाएँ सहयोगी और सामूहिक हों.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा, 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकाला जा रहा है. पूरा देश श्रमिकों के उल्लेखनीय लचीलेपन और धैर्य को सलाम करता है. देश पूरी रेस्क्यू टीम के समर्पण, कौशल और दृढ़ता की भी सराहना करता है और उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देता है.
अब तक 18 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है. मजदूरों के परिजन गर्म चाय, और सर्दियों के हिसाब के कपड़े लेकर सुरंग में अंदर गए हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए श्रमिको से मुलाकात कर रहे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (से.नि) वीके सिंह भी वहीं मौजूद हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की. बाहर निकाले जा रहे श्रमिकों के परिजन भी टनल में मौजूद हैं. टनल से बाहर निकाले गए श्रमिकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण टनल में बने अस्थाई मेडीकल कैंप में की जा रही है.
उत्तरकाशी में सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने का सिलसिला लगातार जारी है. अब तक 9 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है. सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मजदूरों का स्वागत किया है.

41 मजदूरों को निकालने का काम शुरू हो गया है. 5 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है. बाकी के मजदूरों को भी एक-एक करके बाहर निकाला जा रहा है. सुरंग के अंदर NDRF की 3 टीमें मौजूद हैं.
सुरंग आर-पार होने पर मजदूरों के बाहर निकालने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बाहर आकर बाबा बौख नाग देवता को श्रीफल चढ़ाकर की पूजा. कुछ ही पलों में मजदूर बाहर निकल सकते हैं.
सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है. पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो चुका है. अब श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

रैट माइनर्स अब सुरंग से बाहर निकल आए हैं. ड्रिलिंग भी पूरी हो गई है.

सीएम धामी मजदूरों को निकालने के लिए टनल के बाहर की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए उत्तरकाशी सुरंग ढहने वाली जगह पर 2 मीटर की ड्रिलिंग अभी भी बाकी है. हम 58 मीटर पर हैं, हम उम्मीद कर रहे हैं कि 2 मीटर के बाद, हम कह सकते हैं कि अब बाहर निकाल लिया जाएगा. फंसे हुए श्रमिकों ने बताया है कि वे काम किए जाने की आवाज सुन पा रहे हैं और अनुमान लगाया जा सकता है कि सुरंग कहां होगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल से बाहर आ गए हैं. वे कुछ घंटों पहले खुद मेडिकल बैकअप और हालातों का जायजा लेने के लिए सुरंग के अंदर गए थे. मलवा गिरने वाली जगह से पहले तक लोग आसानी से अंदर-बाहर जा सकते हैं. सीएम धामी अब सुरंग से बाहर निकल आए हैं. जानकारी के मुताबिक सुरंग में फंसे मजदूर जल्दी ही बाहर निकलने वाले हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव के लिए एक टीम भेजी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट पर जानकारी दी कि हमारे लोगों की मदद के लिए एक टीम उत्तरकाशी भेजी गई है. नई दिल्ली के रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय के संपर्क अधिकारी राजदीप दत्ता के नेतृत्व में टीम उत्तरकाशी के सिल्कयारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को पश्चिम बंगाल में उनके घरों तक निकालने और सुरक्षित वापसी में मदद करेगी.
सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों की लिस्ट-

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है. फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी जगह पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं.
एनडीएमए ने कहा, 'सभी सुरक्षा सावधानियां लागू की जाएंगी. समय से पहले कोई घोषणा नहीं की जानी चाहिए, यह सभी सिद्धांतों के खिलाफ होगा. हमें उन लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है, जो श्रमिकों को बचा रहे हैं. हम किसी भी तरह की जल्दी में नहीं हैं.'
एनडीएमए के सदस्य अट्टा हसनैन ने बताया कि 58 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, लगभग 2 मीटर और खोदने की जरूरत है. साथ ही 45 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी कर ली है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है. जानकारी के मुताबिक एक-एक व्यक्ति को बाहर निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा. चिनूक हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर हैं. 30 बिस्तरों वाली सुविधाएं भी हैं.
उत्तरकाशी के चिनियालीसौड़ कस्बे में चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं. यह इस इमरजेंसी स्थिति के लिए है, कि अगर किसी मजदूर की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो उन्हें जल्दी ही देहरादून और ऋषिकेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यव्स्था के लिए ले जाया जा सके.

सुरंग के भीतर से नई तस्वीर सामने आई है. इस में एक पाइप दिखाई दे रहा है. इसी पाइप के जरिए मजदूरों को बाहर लाया जाएगा.

रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल सुविधा का विस्तार किया गया है. फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी जगह पर उनका स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया जाएगा. कोई भी दिक्कत होने पर स्वास्थ विभाग द्वारा लगाए गए 8 बेड और डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम तैनात है.

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब अंतिम चरण में हैं. अब किसी भी पल मजदूर सुरंग से बाहर निकाले जा सकते हैं. सुरंग के बाहर से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. जहां देखा जा सकता है कि बाहर लोग उनके स्वागत के लिए बाहर लोग फूल मालाएं लेकर खड़े हैं.

उत्तरकाशी की सुरंग से मजदूरों को निकालने का काम अब अंतिम चरण में है. मजदूर बस थोड़ी ही देर में सुरंग से बाहर आ सकते हैं. ऐसे में AIIMS ऋषिकेश के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नरिंदर कुमार ने कहा, 'बचाए गए श्रमिकों को केवल तभी यहां लाया जाएगा जब उत्तरकाशी जिला अस्पताल में चिकित्सा उपचार की जरूरतें पूरी नहीं हो सकेंगी. AIIMS ऋषिकेश में, ट्रॉमा सेंटर में 20 बिस्तर हैं और कुछ आईसीयू बेड. यदि श्रमिकों को यहां लाया जाता है, तो उन्हें अच्छी चिकित्सा देखभाल दी जा सकती है. राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने पर उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है.'
सीएम धामी और कैबिनेट मंत्री वीके सिंह सुरंग के पास पहुंच गए हैं. कुछ ही समय में मजदूर सुरंग से बाहर आ सकते हैं.
मजदूरों के परिजनों को सुरंग के पास बुला लिया गया. परिजनों के पास उनके बैग हैं.
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान अभी भी जारी है जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। ड्रोन वीडियो घटनास्थल से है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
उत्तराखंड CM ने ट्वीट किया, "...सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।" pic.twitter.com/fs8bOgF1HJ
बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
रेस्क्यू से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि खुदाई पूरी हो गई है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों के पास जा रही है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए एक एक कर मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालेगी.

#WATCH | Uttarkashi tunnel rescue | NDRF personnel at the entrance of the Slikyara tunnel. As per the latest update, the pipe has been inserted up to 55.3 metres and one more pipe has to be welded and pushed in. pic.twitter.com/i1AsTRfXfT
— ANI (@ANI) November 28, 2023
रेस्क्यू से जुड़े एक अफसर ने बताया कि सिर्फ एक पाइप बेल्डिंग के लिए बाकी है. इसमें दो से तीन घंटे का समय लग सकता है. इसके बाद मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. इससे पहले सुरंग के बाहर एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं. एनडीआरएफ टीमें अलर्ट पर आ गई हैं. गद्दे भी सुरंग में पहुंचा दिए गए हैं.
उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि 55.3 मीटर पाइप डाले जा चुके हैं. कुल 57-59 मीटर की दूरी है. इसमें कुछ घंटे और लग सकते हैं. हमें उम्मीद है कि शाम तक रेस्क्यू पूरा हो जाए और मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. वर्टिकल खुदाई भी 86 में से 44 मीटर हो चुकी है. माना जा रहा है कि एक और पाइप बस डालना बाकी है.
सुरंग में रैट माइनर्स ने 55.3 मीटर खुदाई कर ली है. इतनी ही दूरी तक पाइप डाले जा चुके हैं. कुल 57 मीटर खुदाई की जानी है.
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि खुदाई जारी है. कुछ और मीटर की खुदाई बाकी है. हमें उम्मीद है कि 5 बजे तक नतीजे मिल सकते हैं. सिर्फ 2-3 मीटर की खुदाई बाकी है.
उत्तरकाशी सुरंग बचाव | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिल्क्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली: CMO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
(फ़ाइल फ़ोटो) pic.twitter.com/NTYMRZ3ETN
#WATCH उत्तरकाशी सुरंग बचाव | अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में पुजारी के साथ पूजा की। pic.twitter.com/H8gWGzNezT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
टनल में 54 मीटर पाइप डाले जा चुके हैं. अब रैट माइनर्स मजदूरों से सिर्फ 3 मीटर दूर हैं. माना जा रहा है किसी भी वक्त मजदूरों का रेस्क्यू किया जा सकता है.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 52 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं. 57 मीटर दूरी तक पाइप डाले जाने हैं. उन्होंने बताया कि 10 मीटर तक मलबा खोदा जाना था. 4-5 मीटर खुदाई की जा चुकी है. पाइप भी डाले गए हैं. विशेषज्ञ मजदूरों की टीम रैट-होल खनन तकनीक का इस्तेमाल कर हाथ से मलबा हटा रही है. इसके बाद इसमें 800 मिमी व्यास वाले पाइप डाले जा रहे हैं.
रेट होल माइनर्स ने 4-5 मीटर की खुदाई कर ली है. माना जा रहा है कि अब सिर्फ 7-8 मीटर की खुदाई बाकी है. खुदाई पूरी होने के बाद इसमें 800 मिमी व्यास का पाइप डाला जाएगा. इससे ही मजदूर बाहर आएंगे.
मजदूर सुरंग में करीब 60 मीटर की दूरी पर फंसे हैं. ऑगर मशीन ने 48 मीटर तक ड्रिलिंग की थी. इसके बाद मशीन सुरंग में फंस गई थी. इसे काटकर बाहर निकाला गया. इसके बाद रैट माइनर्स ने मैन्युअल खुदाई शुरू की. सोमवार से अब तक चार-पांच मीटर तक खुदाई की जा चुकी है. ऐसे में अब 7-8 मीटर खुदाई ही बाकी मानी जा रही है.
उधर, मैन्युअल हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के लिए दो प्राइवेट कंपनियों की दो टीमों को लगाया है. एक टीम में 5 एक्सपर्ट हैं, जबकि दूसरी में 7. इन 12 सदस्यों को कई टीमों में बांटा गया है. ये टीमें बचे हुए मलबे को बाहर निकालेंगी. इसके बाद 800 एमएम व्यास का पाइप डाला जाएगा. एनडीआरएफ की टीमें इसी के सहारे मजदूरों को बाहर निकालेंगी.
- सिल्क्यारा सुरंग में बाकी हॉरिजेंटल खुदाई मैन्युअल विधि से की जा रही है. इसमें सुरंग बनाने में विशेष कौशल रखने वाले व्यक्तियों को चुना गया है. इन्हें रैट-होल माइनर कहा जाता है. रैट-होल माइनिंग अत्यंत संकीर्ण सुरंगों में की जाती है. कोयला निकालने के लिए माइनर्स हॉरिजेंटल सुरंगों में सैकड़ों फीट नीचे उतरते हैं. चुनौतीपूर्ण इलाकों खासकर मेघालय में कोयला निकालने के लिए इसका विशेष तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
- 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. एनजीटी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद, अवैध रूप से रैट-होल खनन जारी है.
- उत्तराखंड सरकार के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने स्पष्ट किया कि रेस्क्यू साइट पर लाए गए लोग रैट माइनर्स नहीं बल्कि इस तकनीक में विशेषज्ञ लोग हैं.
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए 16 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली.