scorecardresearch
 

'तमिल लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा...', मेट्रो प्रोजेक्ट ठुकराए जाने पर CM स्टालिन ने PM मोदी को लिखा पत्र

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोयम्बटूर और मदुरै मेट्रो परियोजनाओं को केंद्र द्वारा मंजूरी न दिए जाने पर गहरी निराशा जताई. उन्होंने कहा कि इससे लोगों में असंतोष बढ़ रहा है जबकि दोनों शहरों को तेज़ सार्वजनिक परिवहन की जरूरत है.

Advertisement
X
तमिलनाडु सरकार केंद्र को देगी विस्तृत स्पष्टीकरण (Photo: PTI)
तमिलनाडु सरकार केंद्र को देगी विस्तृत स्पष्टीकरण (Photo: PTI)

CM Stalin writes letter to PM Modi: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कोयम्बटूर और मदुरै मेट्रो परियोजनाओं को मंजूरी न मिलने पर गहरी नाराज़गी जताई है. उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला दोनों शहरों के लोगों को निराश कर रहा है और इससे जनता में असंतोष बढ़ा है.

स्टालिन ने लिखा कि बड़े शहरों में तेज़, सुरक्षित और क्षमता वाले सार्वजनिक परिवहन की जरूरत होती है. तमिलनाडु देश के सबसे व्यस्त राज्यों में से एक है, जहां निजी गाड़ियों की संख्या भी बहुत अधिक है. ऐसे में मेट्रो जैसे सिस्टम की मंजूरी न मिलना लोगों की उम्मीदों पर चोट करता है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कोयम्बटूर और मदुरै मेट्रो परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करके केंद्र के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजी थी, लेकिन मंत्रालय ने इसे ठुकरा दिया. 

स्टालिन का कहना है कि इस फैसले ने लोगों की जरूरतों को अवहेलना किया है, जबकि अन्य राज्यों की परियोजनाओं को मंजूरी मिली है.

मेट्रो नीति 2017 पर CM का सवाल

स्टालिन ने पीएम को याद दिलाया कि मेट्रो नीति 2017 के अनुसार 20 लाख की आबादी वाली शर्त को कोयम्बटूर पहले ही पूरा कर चुका है और मदुरै भी जल्द उस सीमा तक पहुंचने वाला है. उन्होंने कहा कि यदि यह नियम समान रूप से लागू किया जाए तो कई टियर-2 शहरों में मेट्रो परियोजनाएं संभव ही नहीं होंगी.

Advertisement

उन्होंने यह भी लिखा कि सिर्फ तमिलनाडु की परियोजनाओं पर कड़ा रवैया अपनाना सही नहीं है.

कोयम्बटूर और मदुरै का वास्तविक ट्रैफिक दबाव

स्टालिन ने बताया कि कोयम्बटूर को चेन्नई से तुलना में आंकने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दोनों शहरों की यात्रियों की संख्या और ट्रैफिक पैटर्न अलग हैं. कोयम्बटूर की स्टडी में साफ कहा गया है कि वहां मेट्रो रेल की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: स्टालिन और एक्टर अजीत कुमार को मिली फर्जी बम की धमकी, निशाने पर हाई-प्रोफाइल लोग

मदुरै के लिए 2011 में बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) बनी थी, लेकिन उसका बड़ा हिस्सा एलिवेटेड होने जा रहा था, इसलिए रेल आधारित सिस्टम अधिक उपयोगी है. यह बात डीपीआर में भी दर्ज है.

भूमि अधिग्रहण कोई समस्या नहीं

स्टालिन ने आश्वस्त किया कि निजी जमीनों के अधिग्रहण में सरकार उचित मुआवजा देकर समस्या का समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि भूमि की वजह से मेट्रो प्रोजेक्ट्स बाधित नहीं होंगे.

राज्य सरकार की अगली कार्रवाई

अंत में सीएम ने बताया कि उन्होंने राज्य के संबंधित विभाग को निर्देश दिया है कि केंद्र मंत्रालय को पूरी, स्पष्ट और अपडेटेड जानकारी भेजी जाए ताकि परियोजनाओं पर दोबारा विचार हो सके.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement