सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट के अस्पताल में आग लगने से 6 कोरोना मरीजों की मौत पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को कहा कि आप जांच समिति गठित करके मामले को टाल देते हैं.
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में कोरोना को लेकर अस्पताल की तैयारियों और कोरोना से हुई मौतों में डेड बॉडीज के साथ उचित व्यवहार न होने पर सुनवाई हुई.
इस दौरान राजकोट अस्पताल में आग का मामला उठा. अदालत ने उचित शपथपत्र दायर न करने पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि तथ्यों को छिपाने की कोई कोशिश नहीं की जानी चाहिए.
अदालत ने कहा कि अस्पताल में बिजली की दिक्कतों से जुड़े मुद्दों का स्पष्टता से जिक्र नहीं किया गया था, जबकि रिपोर्ट में साफ है कि अस्पताल में बिजली सिस्टम में दिक्कत थी.
अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने कुछ नहीं किया है और उसका टर्म भी खत्म हो गया है. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि रिपोर्ट फाइल की जाए.
गुजरात सरकार ने इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार तक टाल दी है.
राजकोट अस्पताल के 3 डॉक्टर गिरफ्तार
इधर राजकोट अस्पताल में आग लगने के मामले में राजकोट पुलिस ने 3 डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें राजकोट के गोकुल अस्पताल के चेयरमैन डॉ. प्रकाश मोढा, डॉ. तेजश करमटा और डॉ. विशाल मोढा शामिल हैं. बता दें कि राजकोट के उदय शिवानंद कोविड अस्पताल में आग लगने की वजह से 6 लोगों की मौत हो गई थी.