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India Today Conclave 2024: शाश्वत गोयनका और केशव रेड्डी ने बताया न्यू एज बिजनेस की सफलता का राज

India Today Conclave 2024: शाश्वत गोयनका ने कहा कि दुनिया काफी तेजी से बदल रही है और उसी रफ्तार से बिजनेस और बिजनेस करने वालों को भी बदलना होगा. वहीं केशव रेड्डी ने कहा कि डिजिटाइजेशन ने सभी भारतीयों को अधिक जिम्मेदार बनाया है. डाटा डिजिटलाइजेशन के साथ-साथ डाटा डेमोक्रेसी की भी बात भी जरूरी है.

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इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2024
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2024

India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आरपी संजीव गोयनका समूह के उपाध्यक्ष शाश्वत गोयनका और  इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी ने शिरकत की. कॉन्क्लेव में बोलते हुए दोनों दिगज्जों ने 'नई पीढ़ी, नए नियम: विघटनकारी दुनिया में नेतृत्व' पर अपनी बात रखी. 

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए शाश्वत गोयनका ने कहा कि दुनिया काफी तेजी से बदल रही है और उसी रफ्तार से बिजनेस और बिजनेस करने वालों को भी बदलना होगा. शाश्वत गोयनका से फैमिली बिजनेस को जॉइन करने के सवाल पर कहा कि उन्हें हमेशा से पता था कि अगला 100 साल भारत के होने वाले हैं और दुनियाभर में आगे जो भी होना है उसका एक बड़ा हिस्सा भारत में होना है. 

बदलते बिजनेस और बदलती दुनिया पर बोलते हुए इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी ने कहा कि जब 70 के दशक में उनके फैमली ने बिजनेस में कदम रखा था तब दुनिया काफी अलग थी. उन्होंने कहा कि उस समय दुनिया की 10 सबसे बड़ी कंपनियां तेल और गैस की हुआ करती थीं. अगले दशक में दुनिया की बड़ी कंपनियां चाइनीज बैंक बनीं. फिर सॉफ्टवेयर कंपनियां इस रेस में आगे आईं और अगर हम बीते कुछ महीनों में देखें तो AI बेस्ड कंपनियां काफी अच्छा कर रही हैं. केशव रेड्डी ने कहा कि आज  के समय में सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी सभी कंपनियों के लिए जरूरी है. हम इसे साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं. 

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पहले और अभी के बिजनसेस करने के तरीकों में अंतर समझते हुए शाश्वत ने कहा कि पहले जेनरेशन इवॉल्व होती थीं. आज दुनिया हर कुछ वर्षों में बदल रही है और आपको अपने बिजनसेस को भी बदलती दुनिया के साथ बदलते रहना होगा. उन्होंने कहा कि लोगों की उम्मीदें बदल रहीं हैं और इस बदलते एक्सपेक्टेशंस के अनुसार बिजनसेस को खुद को इवॉल्व करते रहना होगा. 

आपको बता दें कि आरपी संजीव गोयनका समूह के उपाध्यक्ष शाश्वत गोयनका करीब 35 बिजनसेस को संभाल रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह एक साथ इतने सारे कामों पर कैसे फोकस कर पाते हैं, तब उनका कहना था कि वो जेनरेशन बेस्ड बिजनेस को आगे के दो दशकों के लिए तैयार करने पर काम करते रहे हैं ताकि वे बदलते समय के साथ कदम मिला सकें. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन का पुराने बिजनसेस में उनका एक प्रमुख काम है, जिसमें मुख्य रूप से थर्मल एनर्जी शमिल है. लेकिन अब उनको रिन्यूएबल एनर्जी को साथ लेकर आगे बढ़ना होगा. गोयनका ने कहा कि इसके लिए उन्हें यह देखना होगा कि यूटिलिटी बेस्ड कंपनी से आगे बढ़कर वो कैसे एक कंज्यूम फर्स्ट कंपनी के रूप में आगे कदम बढ़ाएं.   

उन्होंने कहा कि इसी तरीके से मीडिया, FMCG,म्यूजिक, एंटरटेनमेंट, रिटेल सहित सभी तरह के बिजनसेस को कंज्यूमर फर्स्ट कांसेप्ट को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा. गोयनका ने कहा कि वो उपभोक्ताओं के साथ जुड़ना चाहते हैं और उनकी जिंदगी बेहतर बनाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि भारत सहित दुनिया भर में कंज्यूमर से संबंधित बहुत अधिक काम होना बाकी है, और वो इस कहानी के मुख्य किरदार के रूप में खुद को देखना चाहते हैं. 

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इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी ने कहा, डिजिटाइजेशन ने सभी भारतीयों को अधिक जिम्मेदार बनाया है. अब सारा कंट्रोल आपके ही हाथ में होता है. न्यू DPDP Act इसे और आगे बढ़ता है. इसके जरिए उपभक्ता अपनी इच्छा से वो कर पाऐंगे जो वो करना चाहते हैं. हम डाटा डिजिटलाइजेशन के साथ-साथ डाटा डेमोक्रेसी की भी बात कर रहे हैं. जहां पर आप अपना डाटा अपनी मर्जी से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे. आने वाले दशक में डेटा काफी महत्वपूर्ण होगा और भारत इस सबके बीच में रहेगा. उन्होंने कहा, यही नया भारत है. जिस तरह का प्लेटफार्म आज उपलब्ध है इससे कहा जा सकता है कि यह सचमुच भरत का समय है. 

जब शाश्वत से लखनऊ सुपरजाइंट्स की टीम खरीदने को लेकर पूछा गया तो उनका कहना था कि यह भी कंज्यूमर फर्स्ट को ध्यान में रखकर उठाया गया कदम था. उन्होंने कहा कि आज स्पोर्ट्स सिर्फ पैशन नहीं बल्कि एक बिजनेस भी है. शाश्वत ने कहा कि लखनऊ सुपर जॉइंट को खरीदना उनका अंतिम नहीं बल्कि पहला कदम था. इसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका प्रीमीयह लीग में टीम खरीदा. उन्होने मोहन बगान सुपर जाइंट्स का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्पोर्ट्स उनके ग्रुप बिजनेस के मध्य में रहेगा. 

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इक्वल के संस्थापक केशव रेड्डी  कई डिजिटल स्टार्टअप्स को फंड कर चुके हैं. इनमें 6 अब यूनिकॉर्न हैं. जब उनसे पूछा गया कि आजकल युवा ओल्ड एज बिजनस को छोड़कर इस तरह के बिजनस पर क्यों इतना फोकस कर रहे हैं? इस पर केशव ने कहा कि देश में जितने भी नए तरह के बिजनसेस सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर को नए एंटरप्रेन्योर ने बनाया है. उन्होंने कहा कि नए एंटरप्रेन्योर में असाधारण क्षमता है. वह बिजनेस को बिल्कुल नए नजरिया से देखते हैं और उसे एक नई ऊंचाई तक ले जाने की काबिलियत रखते हैं. स्टार्टअप फंडिंग पर बोलते हुए केशव रेड्डी ने कहा कि वो इसमें लंबे अवधि के लिए निवेश करने की चाहत रखते हैं. किसी भी नई कंपनी को बड़ा होने में करीब दो दशक का वक्त लग जाता है. इसके साथ उन्होंने सॉफ्ट बैंक द्वारा अलीबाबा एवं अन्य कंपनियों में किए गए इन्वेस्टमेंट का जिक्र भी किया.

पहले के मुकाबले आज बिजनेस करना आसान है? जैसे सवालों का  के सवाल का जवाब भी शाश्वत ने दिया. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि आज का समय भारत के लिए एक स्वर्ण काल है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत पुरानी 'पहले आप' वाली नीति को बदला है. अब हम 'अब हमारी बारी है' को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में एंटरप्रेन्योर्स के लिए करने को बहुत कुछ है और ऐसा कोई भी कारण नहीं है जिसे देखकर ऐसा कहा जाए कि भारत में बिजनेस नहीं करना चाहिए.

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