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'अपमान और टैरिफ से हुए नुकसान को भूलना आसान नहीं...', ट्रंप के दोस्ती वाले बयान पर बोले शशि थरूर

शशि थरूर ने ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी को दोस्त बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत 50 फीसदी टैरिफ और अमेरिकी राष्ट्रपति की अपमानजनक टिप्पणियों को नजरअंदाज नहीं कर सकता. संयुक्त राष्ट्र महासभा में मोदी-ट्रंप की बैठक संभावना नहीं, लेकिन विदेश मंत्री प्रतिनिधित्व करेंगे और व्यापारिक चर्चा सकारात्मक रहेगी.

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शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप के सकारात्मक रुख का स्वागत किया है (Photo: PTI)
शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप के सकारात्मक रुख का स्वागत किया है (Photo: PTI)

Shashi Tharoor on Donald Trump positive response on India-US relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन की यात्रा के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रति नरम होते नज़र आ रहे हैं. ट्रंप ने तो प्रधानमंत्री को अपना दोस्त और महान नेता बताया है. टैरिफ को लेकर बीते कुछ सप्ताह से भारत और अमेरिका के संबंधों में थोड़ी दरार होते नजर आ रही थी. लेकिन ट्रंप के बयान ने एक बार फिर से संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की. ट्रंप के बयान पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि टैरिफ से हुए नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए शशि थरूर ने कहा, 'प्रधानमंत्री बहुत तेज़ी से प्रतिक्रिया देते हैं और विदेश मंत्री ने भी इस बुनियादी रिश्ते के महत्व पर ज़ोर दिया है. यह साझेदारी अब भी बनी हुई है और यह संदेश देना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन मेरा मानना है कि हम न तो 50 प्रतिशत टैरिफ को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर सकते हैं और न ही उन अपमानजनक टिप्पणियों को, जो राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम की ओर से आई हैं. इसमें दोनों सरकारों और कूटनीतिज्ञों को मिलकर गंभीर सुधार का काम करना होगा.'

उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप का मिज़ाज काफ़ी उतार-चढ़ाव वाला है. उनकी कही गई कई बातों से भारत में आहत और नाराज़गी का माहौल बना है. भारतीय आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंची है, जिसे भरना ज़रूरी है. साथ ही, 50 प्रतिशत टैरिफ का असर ज़मीनी स्तर पर पहले ही दिखने लगा है. सूरत में हीरे-जवाहरात के कारोबार में कामगारों की छंटनी शुरू हो चुकी है, तिरुपुर के गारमेंट उद्योग और विशाखापत्तनम के समुद्री उत्पाद एवं झींगा (श्रिम्प) निर्यात में वास्तविक दिक़्क़तें सामने आई हैं. ये केवल शब्दों की बातें नहीं हैं, बल्कि असली समस्याएं हैं जिनसे भारतीय कंपनियां और मज़दूर आज जूझ रहे हैं.

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शशि थरूर ने कहा, इन समस्याओं को दूर करने के लिए गंभीर वार्ता और समाधान की आवश्यकता है. अब जबकि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात की संभावना नहीं दिख रही है, ऐसे में विदेश मंत्री भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. फिर भी, मुझे उम्मीद है कि कामकाजी स्तर पर हमारे और अमेरिकी व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों के बीच गम्भीर बातचीत होगी और कुछ प्रगति भी हो सकती है.

उन्होंने कहा, मैं इस नए सकारात्मक लहजे का स्वागत करता हूं, लेकिन सतर्कता के साथ. क्योंकि इतनी जल्दी सब कुछ भुलाना और माफ़ कर देना संभव नहीं है. भारत को ज़मीनी स्तर पर जो वास्तविक समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं, उनका समाधान होना ही चाहिए.

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