scorecardresearch
 

J&K: सांबा में भारत-पाक सीमा पर लगाया गया नाइट कर्फ्यू, ये है बड़ी वजह

कर्फ्यू का यह फैसला धुंधले मौसम में सीमा पार से घुसपैठ और ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी के खतरे को देखते हुए लिया गया है. आदेश के अनुसार, सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से 1 किमी तक के क्षेत्र में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

जम्मू और कश्मीर में सांबा जिला प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ 1 किमी के दायरे में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कर्फ्यू लगाना शुरू कर दिया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि बीएसएफ अपने कर्तव्यों को अधिक प्रभावी ढंग से निभा सके और दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम कर सके.  यह फैसला धुंधले मौसम में सीमा पार से घुसपैठ और ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी के खतरे को देखते हुए लिया गया है. आदेश के अनुसार, सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से 1 किमी तक के क्षेत्र में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आदेश में कहा गया है, "कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे एक किमी तक के क्षेत्र में इस दौरान नहीं घूमेगा."

बता दें कि बीते नवंबर में जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में फ्लाइट जैसे दिखने वाला एक पाकिस्तानी गुब्बारा मिलने से लोगों में दहशत फैल गई थी. गुब्बारा एक पेट्रोल पंप में मिला था, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस गुब्बारे को जब्त कर अपने साथ ले गई. घटना सांबा जिले के घगवाल इलाके की है.

यहां जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप है. इसमें काम करने वाले कर्मचारियों ने एक गुब्बारे नुमा चीज पेट्रोल पंप परिसर में पड़ी देखी. जब उसे करीब जाकर देखा गया तो वह एक फ्लाइटनुमा गुब्बारा निकला. पाकिस्तानी गुब्बारा मिलने से पेट्रोल पंप पर काम कर रहे कर्मचारियों में दहशत फैल गई. पेट्रोल पंप की सुरक्षा के लिए तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने तुरंत गुब्बारे की जांच कर पुलिस थाना घगवाल में सूचना दी. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी गुब्बरे को अपने साथ थाने ले गए. फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये गुब्बारा यहां कैसे पहुंचा और इसे यहां लाने में कौन-कौन शामिल है?

Advertisement

पहले भी की इस तरह की हरकतें

बता दें कि पाकिस्तान पहले भी इस तरह की हरकतों को अंजाम देता रहा है. हाल में सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से होने वाली तस्करी को लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने बताया था कि पिछले साल के मुकाबले 2022 में ड्रोन के जरिए तस्करी के मामले दोगुने तक बढ़ गए हैं. बीएसएफ ने 2020 में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 79 ड्रोन उड़ानों का पता लगाया था. जो पिछले साल बढ़कर 109 हो गई. इस साल ये बढ़कर 266 यानी दोगुनी से ज्यादा हो गईं.

 

Advertisement
Advertisement