साकेत कोर्ट ने शनिधाम के संस्थापक और रेप के आरोपी दाती महाराज उर्फ मदनलाल राजस्थानी और उनके दो सह-आरोपी भाइयों अर्जुन और अशोक के खिलाफ दर्ज रेप के मामले में आरोप तय कर दिए हैं. अदालत ने दाती मदन महाराज के एक अन्य भाई अनिल को छोड़कर बाकी तीन पर रेप के आरोप तय किए हैं. अब इन तीनों के खिलाफ रेप के इल्जाम का मुकदमा चलेगा.
दाती महाराज पर उनकी ही एक पूर्व शिष्या ने 2016 में दो अलग-अलग मौकों पर बलात्कार करने का इल्जाम लगाया था. हालांकि दाती महाराज की तरफ से कहा गया है कि ये सब कोरी साजिश है. आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. कोर्ट ने ये केस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से लेकर सीबीआई को सौंप दिया है. शनि महाराज के नाम से कभी मशहूर रहे मदन महाराज के केस में अक्टूबर 2018 को साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी.
यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने दाती महाराज को किया गिरफ्तार, लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने का है आरोप
दाती महाराज पर रेप का केस
चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए चार्ज फ्रेम करने की लंबी प्रक्रिया चली. अब छह साल बाद चार्ज तय कर दिए गए. दाती मदन महाराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (रेप) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के तहत केस दर्ज किया गया था. 7 जून 2018 को पीड़िता ने महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामला साल 2016 के जनवरी और मार्च महीनों का है. पीड़िता ने दाती महाराज के अलावा 5 अन्य लोगों पर दाती का साथ देने की शिकायत दर्ज करवाई थी.
कौन हैं दाती महाराज?
राजस्थान के पाली जिले के अलावास गांव में दलित समुदाय के मेघवाल परिवार में जुलाई 1950 को मदन का जन्म हुआ. पिता का नाम देवाराम था. करीबी बताते हैं कि जन्म के कुछ महीने के बाद ही मां का देहांत हो गया. मेघवाल समुदाय ढोलक बजाकर अपना परिवार पालता था. देवाराम भी यही करते थे. मदन जब सात साल का हुआ तो देवाराम भी चल बसे.
मदन की मुलाकात 1996 में राजस्थान के एक ज्योतिषी से हुई. मदन ने केटरिंग का काम करने के साथ ही जन्मपत्री बांचना भी सीख लिया. फिर केटरिंग बंद कर कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष केंद्र खोला. मां बाप का दिया मदन नाम बदलकर दाती महाराज रख लिया. मदन हर किसी की जन्मपत्री देखकर शनि की चाल बताने लगा.
यह भी पढ़ें: दाती महाराज के खिलाफ CBI लगाए सप्लीमेंट्री चार्जशीट, पीड़िता ने HC में लगाई अर्जी
दिल्ली चुनाव से चमकी किस्मत
1998 में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने थे. मदन ने एक नेता की कुंडली देखकर कह दिया कि यह शख्स चुनाव जीत जाएगा. वह चुनाव जीत भी गया. इस खुशी में उसने फतेहपुर बेरी में अपने पुश्तैनी मंदिर का काम दाती महाराज को सौंप दिया. फिर मदन उर्फ दाती महाराज ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. मदन की भविष्यवाणी की लोगों में चर्चा होने लगी. इस बीच मंदिर के आसपास की जगहों पर भी कब्जा जमा लिया. शनि मार्गी रहा तो उपलब्धियों और मशहूरी के शिखर चढ़ते हुए महा निर्वाणी अखाड़े में वो महामंडलेश्वर बन गए, लेकिन शनि ऐसा वक्री हुआ कि बदनामी और दुर्दशा चरम पर पहुंच गई.