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PM मोदी पर बयान से छठ तक... राहुल गांधी की बिहार में ‘बयानबाजी’ बनी मुसीबत, एक और मुकदमा दर्ज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी मुसीबत में फंस गए हैं. बिहार चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छठ महापर्व को लेकर दिए बयान पर मुजफ्फरपुर की अदालत में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. दिलचस्प बात यह है कि ये पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी के किसी बयान पर यहां केस दर्ज हुआ हो, मुजफ्फरपुर की कोर्ट में उनसे जुड़े ऐसे कई मामले पहले से चल रहे हैं.

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राहुल गांधी पर फिर गिरी कानूनी गाज
राहुल गांधी पर फिर गिरी कानूनी गाज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी झंझट में फंस गए हैं. बिहार चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छठ पर्व पर की गई उनकी टिप्पणी को लेकर मुजफ्फरपुर की CJM कोर्ट में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है. ये शिकायत एडवोकेट सुधीर कुमार ओझा ने दायर की है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 11 नवंबर को तय की है.

राहुल गांधी ने क्या कहा था 

एडवोकेट ओझा का आरोप है कि राहुल गांधी ने चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मुजफ्फरपुर में एक रैली में कहा था कि प्रधानमंत्री को सिर्फ वोट चाहिए. अगर भीड़ में 200 लोग कहें कि वोट के बदले मंच पर नाचो, तो वो खुशी-खुशी भरतनाट्यम करने लगेंगे.

शिकायत में ये भी कहा गया है कि राहुल गांधी ने छठ पूजा को 'ड्रामा' कहा जिससे हिंदुओं और बिहारवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. ओझा ने इसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 298, 356(2), 352 और 353 के तहत सजा योग्य अपराध बताया है.

राहुल गांधी के खिलाफ ये पहला केस नहीं

मुजफ्फरपुर की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ इससे पहले भी कई बार केस दर्ज हो चुके हैं.

फरवरी 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी

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एडवोकेट सुधीर ओझा ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी से देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान किया. सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण के बाद कहा था कि बेचारी बहुत थक गई थीं, बोल ही नहीं पा रही थीं. राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण को 'बोर‍िंंग' कहा था. ओझा ने इसे भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषपूर्ण कृत्य बताया.

जुलाई 2024: हिंदू धर्म की भावनाएं आहत करने का मामला

2 जुलाई 2024 को मुजफ्फरपुर CJM कोर्ट में एक और केस दर्ज हुआ. एक हिंदू संगठन से जुड़े दिव्यांशु किशोर ने राहुल गांधी के संसद में दिए बयान को लेकर केस किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाई. राहुल ने लोकसभा में कहा था कि जो खुद को हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे नफरत और हिंसा फैलाते हैं. ये केस धारा 299, 302 और 356(1) के तहत दर्ज किया गया.

मार्च 2019: 'मसूद अजहर जी' कहने पर केस

मार्च 2019 में राहुल गांधी पर केस दर्ज हुआ जब उन्होंने आतंकी मसूद अजहर को 'मसूद अजहर जी' कहा था. तमन्ना हाशमी नाम की सामाजिक कार्यकर्ता ने मुजफ्फरपुर कोर्ट में देशद्रोह (धारा 124A) समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया था. हाशमी का कहना था कि राहुल गांधी ने एक आतंकी को सम्मानजनक संबोधन देकर पूरे देश का अपमान किया. 

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दरअसल, राहुल गांधी ने पुलवामा हमले के बाद कहा था कि 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए. जिसने हमला करवाया, वही मसूद अजहर जी... याद है? पिछली सरकार के समय अजित डोभाल जी उन्हें खुद विमान में छोड़ने गए थे.

अगस्त 2018: देश की छवि खराब करने का आरोप

25 अगस्त 2018 को राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज हुआ. वकील सुधीर ओझा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने जर्मनी और ब्रिटेन में कहा था कि भारत में बेरोजगारी बढ़ने से आतंकवाद बढ़ रहा है. ओझा ने कहा कि इस बयान से देश की छवि को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने IPC की धाराओं 153B (राष्ट्रीय एकता को नुकसान), 500 (मानहानि) और 504 (उकसावे से शांति भंग) के तहत केस दर्ज कराया.

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